राज्यसभा से रिटायर हो रहे 72 सदस्य, प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में दी गई विदाई
क्या है खबर?
राज्यसभा में अपना कार्यकाल पूरा होने पर गुरुवार को 72 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों को विदाई दी।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यसभा में अनुभवी साथियों की कमी खलेगी। कभी-कभी अकादमिक ज्ञान पर अनुभव की ताकत भारी पड़ती है। वह सभी सदस्यों के दोबारा सदन में लौटने की उम्मीद करते हैं।
सदस्य
आनंद शर्मा और सुब्रमण्यम स्वामी स्वामी समेत 72 सदस्य हो रहे सेवानिवृत्त
सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, एके एंटनी भाजपा के सुब्रमण्यम स्वामी, एमसी मैरिकॉम और स्वप्न दासगुप्ता का कार्यकाल अप्रैल में खत्म होगा।
इसी तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सुरेश प्रभु, एमजे अकबर, जयराम रमेश, विवेक तन्खा, वी विजयसाई रेड्डी का कार्यकाल जून में और पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, सतीश चंद्र मिश्रा, संजय राउत, प्रफुल्ल पटेल और केजे अल्फोंस का जुलाई में खत्म होगा।
जानकारी
कुछ केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं के फिर नामित होने की संभावना
कुछ केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं को फिर से नामित किए जाने की संभावना है। कांग्रेस के कुछ सदस्यों को पुन: नामित किए जाने पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इनमें से कई सदस्य G-23 में शामिल हैं जो पार्टी नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं।
संबोधन
अनुभव से समस्याओं के समाधान के लिए मिलते हैं सरल उपाय- मोदी
राज्यसभा सदस्यों के विदाई संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "राज्यसभा में अनुभवी साथियों की कमी खलेगी। कभी-कभी अनुभव में अकादमिक ज्ञान से अधिक ताकत होती है। हम उम्मीद करते हैं कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्य फिर से लौटकर सदन में आएंगे।"
उन्होंने कहा, "अनुभव से समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय मिलते हैं। अनुभव का मिश्रण होने से गलतियां कम होती है। अनुभवी सदस्य जाते हैं तो राष्ट्र और सदन को उनकी कमी महसूस होती है।"
योगदान
"सदन ने दिया जीवन में अहम योगदान"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमने लंबा समय बिताया है। इस सदन ने हमारे जीवन में बहुत योगदान दिया। इस सदन के सदस्य के रूप में प्राप्त अनुभव को देश की चारों दिशाओं में ले जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "यह आज़ादी का अमृत महोत्सव है। हमारे महापुरुषों ने देश के लिए बहुत कुछ दिया, अब देने की जिम्मेदारी हमारी है। अब आप खुले मन से आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर प्रेरित करने में योगदान दे सकते हैं।"
संबोधन
"उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन कभी मैदान नहीं छोड़ना चाहिए"
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "राजनीति में कहावत है कि उतार-चढ़ाव अक्सर आते रहते हैं, लेकिन कभी भी मैदान नहीं छोड़ना चाहिए। लोगों के लिए काम करते समय हमें इसे ध्यान में रखना होगा। राज्यसभा एक स्थायी सदन है, कुछ सदस्य सेवानिवृत्त होंगे जबकि कुछ अन्य आएंगे, ये हमेशा के लिए चलेगा।"
उन्होंने कहा, "हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमें कुशलता से काम करना होगा। नेहरू ने राज्यसभा को शक्ति और अन्तरंगता प्रदान की।"
जानकारी
सभापति नायडू ने भी सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों की सराहना
इससे पहले बुधवार को सभापति नायडू ने गुरुवार को सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं होने का ऐलान किया था। सुबह उन्होंने सेवानिवृत्त होने वाले सभी सदस्यों के काम की सराहना करते हुए कहा कि उनके जाने से सदन को कमी महसूस होगी।
रात्रिभोज
सभापति के आवास पर सदस्यों को दिया जाएगा रात्रिभोज
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने वाले सभी 72 सदस्यों को आज रात सभापति नायडू के आवास पर रात्रिभोज दिया जाएगा। इस दौरान सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों के साथ पूर्व में सेवानिवृत्त हो चुके अन्य 19 सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट किए जाएंगे।
इस कार्यक्रम में छह सांसदों द्वारा अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा का प्रदर्शन किए जाने की भी संभावना है। इससे पहले सभी सदस्यों ने प्रधानमंत्री के साथ फोटो भी खिंचवाए।