महामारी के दौरान अत्यंत गरीबी को रोकने में कामयाब रही सरकार की मुफ्त राशन योजना- IMF
क्या है खबर?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक स्टडी में सामने आया है कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) कोरोना वायरस महामारी के दौरान गरीबी को रोकने में कामयाब रही।
स्टडी के अनुसार, इस योजना के कारण महामारी के दौरान भी देश में अत्यंत गरीबों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई।
इससे पहले हुई कुछ स्टडीज में महामारी के कारण भारत में अत्यंत गरीबी बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई थी।
रिपोर्ट
भारत में 1 प्रतिशत से कम आबादी अत्यंत गरीब- IMF
'महामारी, गरीबी और असमानता: भारत से सबूत' नामक अपने पेपर में IMF ने कहा है कि 2019 में भारत में 1 प्रतिशत से भी कम आबादी अत्यंत गरीबी में रह रही थी और 2020 में महामारी के दौरान भी यह आंकड़ा लगभग इतना ही रहा।
बता दें कि प्रतिदिन 1.90 अमेरिकी डॉलर (लगभग 143 रुपये) से कम कमाने वाले लोगों को अत्यंत गरीब माना जाता है औऱ ये रिपोर्ट इसी हिसाब से तैयार की गई है।
PMGKAY का असर
"राशन दोगुना होने से कमाई में कमी का असर कम हुआ"
रिपोर्ट में IMF ने कहा है, "PMGKAY भारत में अत्यंत गरीबी में वृद्धि को रोकने में अहम साबित हुई और खाद्य राशन को दोगुना करना कोविड के कारण गरीबों की कमाई में हुई कमी के असर को कम करने में असरदार रहा।"
IMF के अनुसार, "दो लगातार साल, जिसमें से एक साल महामारी का रहा, तक अत्यंत गरीबी के कम स्तर को अत्यंत गरीबी का उन्मूलन माना जा सकता है।"
अनुमान
IMF ने कहा- महामारी के कारण कमाई में आई कमी अस्थायी
रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के कारण कमाई में कमी अस्थायी है और अस्थायी राजकोषीय नीतियां इसके एक बड़े हिस्से को निष्क्रिय करने में कामयाब रही हैं।
गरीबी के निर्धारण में अहम माने जाने वाली खपत वृद्धि 2014-19 में 2004-11 के बीच हुई तेज वृद्धि से भी अधिक रही।
रिपोर्ट में नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के 2017-18 के उपभोक्ता व्यय सर्वे के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया गया।
योजना
क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देशभर के राशनकार्ड धारकों को प्रति महीने प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम अनाज (गेंहू और चावल) मुफ्त दिया जाता है।
कोरोना महामारी की शुरूआत के समय मार्च, 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का ऐलान किया था और ये अप्रैल, 2020 से शुरू हुई थी। हाल ही में प्रधानमंत्री ने इसे सितंबर, 2022 तक बढ़ाने का ऐलान किया था।
सरकार के अनुसार, 80 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिलता है।
महामारी के कारण अत्यंत गरीबी
न्यूजबाइट्स प्लस
जून, 2020 में जारी की गई अपनी एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र यूनिवर्सिटी के UNU-WIDER ने कहा था कि महामारी के कारण दुनियाभर में 39.5 करोड़ लोग अत्यंत गरीबी के गर्त में जा सकते हैं।
वहीं संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव टोनियो गुटेरेस ने 2021 में 4.9 करोड़ लोगों के अत्यंत गरीबी का शिकार होने की आशंका जताई थी।
इसी तरह अगस्त, 2020 में विश्व बैंक ने कहा था कि महामारी के कारण 10 करोड़ लोग अत्यंत गरीब हो चुके हैं।