रविशंकर प्रसाद ने आर्थिक मंदी पर दिया अपना 'फिल्मी' बयान लिया वापस, जानें क्या कहा
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन फिल्मों की एक दिन की कमाई का हवाला देकर देश में आर्थिक मंदी को नकारने वाले अपने बयान को वापस ले लिया है। रविवार को मीडिया को बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, लेकिन वह संवेदनशील व्यक्ति हैं, इसलिए अपने बयान को वापस लेते हैं। उन्होंने तीन फिल्मों के एक दिन में 120 करोड़ रुपये कमाने की बात को तथ्यात्मक रूप से सही बताया है।
क्या कहा था रविशंकर प्रसाद ने?
शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविशंकर प्रसाद ने आर्थिक मंदी की बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था, "मेरा फिल्मों से लगाव है। फिल्में बड़ा कारोबार कर रही हैं। 2 अक्टूबर को 3 फिल्में रिलीज हुईं... राष्ट्रीय अवकाश के दिन इन तीन फिल्मों ने 120 करोड़ रुपये का कारोबार किया। अब जब देश में इकॉनमी थोड़ी साउंड (मजबूत) है, तभी तो 120 करोड़ रुपये का रिटर्न एक दिन में आ रहा है।"
विरोधियों और सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आए रविशंकर
प्रसाद के इस बयान के लिए विपक्षी दलों ने तो उन पर निशाना साधा ही, सोशल मीडिया पर भी उन्हें खूब ट्रोल किया गया। यूजर्स ने उनके इस बयान की तुलना निर्मला सीतारमण की 'ओला-उबर थ्योरी' और पीयूष गोयल की 'मैथ्स थ्योरी' से की है।
रविशंकर ने कहा, हमें अपनी फिल्म इंडस्ट्री पर गर्व
बयान पर विवाद होने के बाद अब रविशंकर प्रसाद ने इसे वापस ले लिया है। उन्होंने कहा है, "तीन फिल्मों के एक ही दिन में अब तक सबसे अधिक 120 करोड़ रुपये कमाने का कल मुंबई में दिया गया मेरा बयान बिल्कुल सही था। मैंने ये कहा क्योंकि मैं भारत की फिल्मी राजधानी मुंबई में था। हमें अपनी फिल्म इंडस्ट्री पर गर्व है जो लाखों लोगों को रोजगार देती है और टैक्स के जरिए महत्वपूर्ण योगदान देती है।"
रविशंकर बोले, बयान के एक हिस्से को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
अपने बयान में प्रसाद ने आगे कहा, "मैंने हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठा गए जन-हितैषी के बारे में भी विस्तार से समझाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हमेशा आम लोगों की भावनाओं का ख्याल रखती है।" उन्होंने कहा, "मेरी बातचीत का पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद है। इसके बावजूद मेरे बयान के एक हिस्से को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। एक संवेदनशील व्यक्ति होने के नाते मैं ये बयान वापस लेता हूं।"
रविशंकर प्रसाद ने वापस लिया आर्थिक मंदी पर अपना बयान
ये मंत्री भी दे चुके हैं आर्थिक मंदी पर अजीबो-गरीब बयान
ये पहली बार नहीं है जब देश के किसी केंद्रीय मंत्री ने आर्थिक मंदी की बात को नकारते हुए ऐसा अजीबो-गरीब बयान दिया हो। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कारों की बिक्री में आई गिरावट के लिए युवाओं की ओला-उबर प्रयोग करने की बात को बताया था। वहीं रेल मंत्री गोयल ने कहा था कि लोगों को इस गणित में नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि गणित ने कभी भी ग्रेविटी की खोज में आइंस्टीन की मदद नहीं की।
मंदी के दौर से गुजर रही है भारतीय अर्थव्यवस्था
बता दें कि आर्थिक वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में भारत की विकास दर गिरकर 5 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। इस बीच ऑटो सेक्टर पर भी बड़ा आर्थिक संकट छाया हुआ है और पिछले कई महीने से बिक्री और उत्पादन में कमी दर्ज की जा रही है। इस आर्थिक मंदी को देखते हुए क्रेडिट एजेंसी मूडीज, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और विश्व बैंक ने भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है।