पायलट बनाम गहलोत: प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ से कांग्रेस में घमासान
राजस्थान में सरकार चला रही कांग्रेस का आंतरिक घमासान थमता नहीं दिख रहा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रशंसा पाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से राजस्थान के उन विधायकों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग है, जो सितंबर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक से दूर रहे थे। आइये पूरी खबर जानते हैं।
मोदी ने गहलोत के बारे में क्या कहा था?
मंगलवार को अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा कर रहे थे। इस दौरान मोदी ने कहा, "अशोक जी और मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए साथ काम किया है। हमारे समय में वो सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री थे। आज भी वो मंच पर बैठे बाकी मुख्यमंत्रियों से सीनियर हैं।" प्रधानमंत्री ने गहलोत को अनुभवी राजनेता बताया था।
पायलट को रास नहीं आई गहलोत की प्रशंसा
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गहलोत की प्रशंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने इसे दिलचस्प घटनाक्रम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसी प्रकार सदन में गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी। उसके बाद क्या घटनाक्रम पैदा हुआ, यह सबने देखा है। यह दिलचस्प घटनाक्रम है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
गहलोत के वफादारों पर की कार्रवाई की मांग
25 सितंबर को कांग्रेस ने जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन यह बैठक नहीं हो पाई। दरअसल, गहलोत के वफादार मंत्रियों और विधायकों ने एक समानांतर बैठक कर दिल्ली से पहुंचे पर्यवेक्षकों को खाली हाथ लौटा दिया था। इस मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए पायलट ने कहा कि जिन तीन लोगों को नोटिस भेजे गए थे, उनके खिलाफ शीघ्र निर्णय लिया जाना चाहिए। पार्टी का अनुशासन सब पर समान लागू होना चाहिए।
जल्द होगा राजस्थान का फैसला- पायलट
सितंबर में हुई सियासी उठापटक के बाद कांग्रेस ने कहा था कि इस बात का फैसला जल्द हो जाएगा कि गहलोत मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे या नहीं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा कि राजस्थान में अनिर्णय की जो स्थिति बनी हुई है, उसे दूर करने का समय आ गया है और बहुत जल्द पार्टी इस पर कार्रवाई करेगी। पायलट ने यह भी उम्मीद जताई कि हिमाचल प्रदेश और गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनेगी।
मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पायलट की निगाह
सचिन पायलट की निगाह राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर है। वो कई बार इसे लेकर कांग्रेस आलाकमान से मिल चुके हैं। इसी बीच उन्होंने एक बार बगावती तेवर दिखाते हुए अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर में डेरा डाल लिया था। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व के साथ हुई बातचीत के बाद वो वापस राजस्थान लौट गए थे। गहलोत से नाराज पायलट बीच-बीच में अपने बगावती तेवर दिखाते रहे हैं।