फोर्ड की साणंद स्थित फैक्ट्री को खरीदेगी टाटा मोटर्स, प्रक्रिया शुरू
क्या है खबर?
वाहन निर्माता टाटा मोटर्स कंपनी जल्द ही गुजरात के साणंद स्थित फोर्ड की फैक्ट्री खरीदने जा रही है।
इस प्रक्रिया को शुरू करते हुए दोनों कंपनियों ने फैक्ट्री के मालिकाना हक को ट्रांसफर करने के लिए सहमति पत्र दे दिया है। आने वाले कुछ हफ्तों में इस प्रक्रिया को मंजूरी मिल सकती है।
फोर्ड ने कुछ महीने पहले ही भारत में अपना कारोबार बंद किया है। इसके बाद टाटा मोटर्स ने इस कंपनी के प्लांट खरीदने में रूचि दिखाई थी।
प्रस्ताव
हाई पावर कमेटी देगी प्रस्ताव को मंजूरी
गुजरात सरकार की तरफ से गठित हाई पावर कमेटी जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी देने वाली है।
फोर्ड इंडिया ने इस फैक्ट्री को बनाने में अब तक 4,500 करोड़ रुपये निवेश किया है। यह फैक्ट्री 2.4 लाख यूनिट्स वाहन और 2.7 लाख इंजन प्रतिवर्ष बनाने की क्षमता रखती है।
रिपोर्ट्स की मानें तो टाटा मोटर्स को फैक्ट्री स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा लाभ दिए जा सकते हैं। हालांकि, अभी इस बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
जानकारी
गुजरात में पहले से ही है टाटा का प्लांट
जानकारी के लिए बता दें कि टाटा मोटर्स की फैक्ट्री गुजरात में पहले से ही मौजूद है। यह फोर्ड इंडिया प्लांट के काफी करीब स्थित है। हालांकि, इस बारे में अभी कोई भी जानकारी नहीं है कि टाटा इस प्लांट्स में किन गाड़ियों का उत्पादन करेगी।
टाटा 2025 तक कुल 10 इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च करने वाली है। ऐसा करने के लिए कंपनी को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी और इसलिए टाटा फोर्ड के प्लांट खरीद रही है।
फोर्ड
भारत में क्यों बंद हुई फोर्ड?
भारत में फोर्ड के दोनों प्लांटों को बंद करने का कारण इनके लगातार क्षमता से कम उपयोग को ठहराया जा रहा है।
दोनों प्लांटों में सालाना चार लाख यूनिट्स उत्पादन करने की क्षमता है। हालांकि, फोर्ड केवल 20 प्रतिशत क्षमता के साथ 80,000 कारों का उत्पादन कर रही थी।
बता दें कि कंपनी के साणंद प्लांट में कार निर्माण का काम 2021 के अंत तक बंद कर दिया गया था, जबकि चेन्नई प्लांट को इस साल बंद किया जाएगा।
फोर्ड का भविष्य
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
फोर्ड भारत में चुनिंदा डीलर्स के माध्यम से मस्टैंग कूपे, मस्टैंग इलेक्ट्रिक जैसी कारों की बिक्री करेगी। इन्हें भारत में CBU के रूप में लाया जाएगा।
कंपनी भारत में फोर्ड सर्विस, आफ्टरमार्केट पार्ट्स और वारंटी सपोर्ट के साथ फुल कस्टमर सपोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। वहीं, निर्यात के लिए फोर्ड भारत में इंजन का निर्माण भी करेगी।
फोर्ड के अलावा शेवरले, जनरल मोटर्स और हार्ले-डेविडसन जैसी कंपनियां भारत में अपने निर्माण बंद कर चुकी हैं।