तिहाड़ जेल में कैदियों को मिल रही हैं घर जैसी सुख-सुविधाएं, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तिहाड़ जेल में बंद कुछ कैदियों को घर जैसी सुख-सुविधाएं मिलने की जानकारी पर चिंता जाहिर की।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश मदन बी लोकुर ने चिंता जाहिर करते हुए पूछा कि यह क्या चल रहा है?
एक जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि तिहाड़ जेल में बंद कुछ अमीर अपराधी घर जैसी आरामदायक जिंदगी जी रहे हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।
प्रारंभिक जानकारी
एक कैदी की शिकायत पर हुई जांच में सामने आई सच्चाई
यह मामला तब सामने आया, जब अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने 4 सितंबर को जेल का औचक निरीक्षण किया।
कोर्ट को जेल में बंद एक कैदी असदुल्ला अख्तर ने लिखित में इस बात की शिकायत की थी।
बाद में यह शिकायत जनहित याचिका बनी। जिसकी जांच के लिए रमेश कुमार जेल पहुंचे।
निरीक्षण में न्यायाधीश रमेश कुमार ने देखा कि जेल में बंद यूनिटेक के मालिक संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को घर जैसी सुख-सुविधाएं मिल रही है।
जांच रिपोर्ट
जेल में देख रहे हैं टीवी, पी रहे हैं मिनरल वाटर- रिपोर्ट
अपनी जांच रिपोर्ट में न्यायाधीश रमेश कुमार ने बताया कि रियल एस्टेट कारोबारी चंद्रा बंधु जेल में रहते हुए भी एलईडी टेलीविजन, नारियल पानी, मिनरल वाटर, बैडमिंटन रैकेट सहित अन्य घरेलू चीजों का उपभोग कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि परिस्थितयां बता रही हैं कि जेल में भ्रष्टाचार व्याप्त है और पदों का दुरुपयोग हो रहा है।
न्यायाधीश कुमार ने इस मामले में जेल महानिदेशक और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए।
जानकारी
चंद्रा बंधुओं पर क्या है आरोप?
यूनिटेक के मालिक संजय चंद्रा और अजय चंद्रा पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। आवासीय परियोजनाओं का निर्माण करने वाली यूनिटेक की गुरुग्राम स्थित परियोजनाओं के 158 खरीददारों ने चंद्रा बंधुओं पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया था।
कारवाई
जेल अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश
अपनी रिपोर्ट में रमेश कुमार ने जेल महानिदेशक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की है।
रमेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि जो सुविधाएं चंद्रा बंधु को जेल में दी जा रही हैं, वह किसी भी कैदी को नहीं दी जा सकती।
साथ ही उन्होंने यह साफ किया कि जेल महानिदेशक की अनुमति के बगैर किसी कैदी को इतनी सुविधाएं देना संभव नहीं है।
अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी।
विवरण
जेल से ही अपना काम कर रहे हैं चंद्रा बंधु
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि चंद्रा बंधुओं को जेल अधीक्षक के बगल में एक कमरा दिया गया है। जहां वो कम्प्यूटर और प्रिंटर रखकर अपना काम कर रहे हैं।
इस मसले पर जेल अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चंद्रा बंधुओं को यह कमरा दिया गया।
अपनी रिपोर्ट में रमेश ने जेल अधिकारियों की इस दलील को भी झूठा बताया।
बता दें कि चंद्रा बंधुओं पर धोखाधड़ी करने का आरोप है।