मणिपुर हिंसा भड़काने में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का हाथ? सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
क्या है खबर?
मणिपुर में जातीय हिंसा भड़काने को लेकर सामने आए कथित ऑडियो टेप की आवाज मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मेल खाने पर सुप्रीम कोर्ट ने इसकी फॉरेंसिक रिपोर्ट मांगी है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ ने यह आदेश जारी किया।
ऑडियो क्लिप की फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट को केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई 24 मार्च से सूचीबद्ध कर दिया है।
सुनवाई
कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
मणिपुर हिंसा के याचिकाकर्ता कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि निजी ट्रुथ लैब्स ने पुष्टि की कि 93 प्रतिशत ऑडियो की आवाज मुख्यमंत्री सिंह की आवाज से मिलती है।
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ट्रुथ लैब्स की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते, इसलिए क्लिप को CFSL को भेजा गया है।
इस पर भूषण ने जवाब दिया कि ट्रुथ लैब्स की रिपोर्ट CFSL रिपोर्ट से कहीं अधिक विश्वसनीय है।
सुनवाई
न्यायमूर्ति संजय ने खुद को अलग करने की पेशकश की
सुनवाई के दौरान पीठ में शामिल न्यायमूर्ति संजय ने पूछा कि क्या उन्हें सुनवाई से अलग हो जाना चाहिए, क्योंकि जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था, तब उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भाग लिया था।
इस पर याचिकाकर्ता के वकील भूषण ने कहा कि मामले से न्यायमूर्ति संजय कुमार को बिल्कुल भी अलग होने की जरूरत नहीं है और इससे जरा सी भी समस्या नहीं है।
कोर्ट ने 1 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।
आरोप
क्या है ऑडियो क्लिप में?
मणिपुर के कुकी संगठन ने पिछले साल नवंबर में ट्रुथ लैब की रिपोर्ट जारी कर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री सिंह ने हिंसा को भड़काने में मदद की है।
सुप्रीम कोर्ट में वकील भूषण ने कहा कि बातचीत एक बंद कमरे में हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री सिंह यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि उन्होंने मैतेई समुदाय को गिरफ्तारी से बचाया और राज्य के शस्त्रागार से हथियार चोरी करने की अनुमति दी।
इस ऑडियो पर हंगामा मचा था।
हिंसा
मणिपुर की हिंसा में मारे गए हैं 250 से अधिक लोग
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच मई, 2023 से हिंसा जारी है, जो हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद भड़क उठी थी।
इस हिंसा के दौरान अलग-अलग घटनाओं में 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, 1,500 से ज्यादा जख्मी हुए हैं और करीब 60,000 को घर छोड़ना पड़ा है।
अब तक 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा से चुराचांदपुर, बिष्णुपुर, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
हिंसा रुक-रुककर जारी है।