#NewsBytesExplaier: मणिपुर में महिलाओं के साथ बर्बरता के मामले में कब क्या हुआ?
सोशल मीडिया पर मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। संसद से लेकर सड़कों तक वीडियो का मुद्दा छाया हुआ है। मामले पर मणिपुर के मुख्यमंत्री दोषियों को फांसी दिलाने की बात कह रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। आइए समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।
कैसे हुई घटना की शुरुआत?
दरअसल, इस पूरी घटना की शुरुआत कथित तौर पर एक फेक वीडियो से हुई। इसमें एक मृत लड़की की तस्वीर थी, जिसके जरिए दावा किया गया कि मैतेई समुदाय की एक महिला के साथ कुकी समुदाय के लोगों ने रेप किया है। इस फेक वीडियो से गुस्साई मैतेई लोगों की भीड़ ने 4 मई को कुकी समुदाय के एक गांव पर हमला कर दिया। इन हमलावरों के पास AK-47, 303 राइफल और इंसास जैसे आधुनिक हथियार थे।
कहां का है वीडियो?
जो वीडियो सामने आया है, वो राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले का बताया जा रहा है।। रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ ने घरों में घुसकर तोड़-फोड़ की और सामान लूटा। हमले से बचने के लिए एक ही परिवार के 3 लोग, 56 वर्षीय पिता, उसकी 21 वर्षीय बेटी और 19 वर्षीय बेटा, जंगलों की ओर भाग गए। इनके साथ 2 महिलाएं और थीं, जिनमें से एक की उम्र 42 साल और दूसरी की 52 साल थी।
हमलावरों ने पुलिस से महिलाओं को अपने कब्जे में लिया
बताया जा रहा है कि जंगल में भागते हुए इन लोगों को नॉनपाक सेकमाई पुलिस थाने की टीम मिल गई। पुलिस सभी लोगों को थाने लेकर आ रही थी, लेकिन करीब 2 किलोमीटर पहले ही भीड़ ने पुलिस टीम को घेर लिया और पांचों लोगों को छुड़ा लिया। भीड़ ने पुलिस के सामने ही युवती के पिता की हत्या कर दी। इसके बाद तीनों महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया।
युवती के साथ हुआ गैंगरेप
घटना में शामिल तीनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर भीड़ ने परेड निकाली। इस दौरान 21 वर्षीय युवती का गैंगरेप किया गया। जब पीड़िता के भाई ने उसे बचाने की कोशिश की तो उसकी भी हत्या कर दी गई। इस दौरान 2 महिलाएं किसी तरह घटनास्थल में भागने में कामयाब रही। घटना की जीरो शिकायत 18 मई को की गई थी, लेकिन FIR 21 जून को दर्ज की गई।
किन धाराओं के तहत दर्ज की गई FIR?
पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया। भीड़ में शामिल करीब 1,000 लोगों पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, घातक हथियार के साथ डकैती करने, आग लगाने, घर में जबरन घुसने, हत्या के लिए अपहरण करने, दुष्कर्म, हमला, गंभीर चोट पहुंचाने और हत्या की धाराएं लगाई गईं।
मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई?
बुधवार को जब घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तब पुलिस हरकत में आई। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि पुलिस ने मुख्य आरोपी को आज सुबह गिरफ्तार कर लिया, जिसका नाम खुयरूम हेरादास बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में हरी शर्ट पहना व्यक्ति खुयरूम ही है। मणिपुर पुलिस ने कहा कि वे बाकी दोषियों की गिरफ्तारी के लिए भी हरसंभव प्रयास कर रही है।
मामले पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का क्या कहना है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मणिपुर की जो घटना सामने आई है, वो किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। मैं आश्वासन देता हूं कि किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा।" मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, "मैंने पुलिस को आदेश दिया कि जहां भी संदिग्ध इलाका है, वहां दोषियों को गिरफ्तार करे। सरकार इस तरह के अपराध करने वालों को मौत की सजा सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी।"