मणिपुर: मैतेई और कुकी समूह ने 1 जिले के लिए शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए
पिछले एक साल से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे अशांत मणिपुर से फिलहाल राहत भरी खबर आई है। यहां सत्तारूढ़ भाजपा सरकार 1 जिले में कुकी और मैतेई के बीच शांति समझौता कराने में सफल रही। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, राज्य सरकार ने गुरुवार को जिरीबाम जिले के कुकी-चिन जो जातीय समूह से संबंधित संघर्षरत मैतेई और हमार के बीच समझौते पर हस्ताक्षर कराया है। यह समझौता फिलहाल जिरीबाम तक ही सीमित है।
दोनों पक्ष शांति बहाली के लिए काम करेंगे
रिपोर्ट के मुताबिक, पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि दोनों समूह जिरीबाम में शांति बहाली पर जोर देंगे। साथ ही आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं को रोकने का प्रयास करेंगे। शांति प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि भले ही यह समझौता सिर्फ जिरीबाम तक सीमित हो, लेकिन इससे शांति की दिशा में बातचीत के लिए आगे बढ़ने का रास्ता खुला है। दोनों पक्ष सुरक्षा बलों को सहयोग करेंगे और 15 अगस्त के बाद फिर बैठक करेंगे।
पिछले साल से जारी है हिंसा
मणिपुर में पिछले साल 3 मई से हिंसा जारी है। तब आदिवासी समुदाय कुकी ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने के खिलाफ मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है, वहीं 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मणिपुर में 53 प्रतिशत मैतेई है, जो घाटी में रहते हैं, वहीं कुकी समेत 40 प्रतिशत आदिवासी हैं, जो पहाड़ों पर रहते हैं।