मणिपुर हिंसा के राजनीतिक समाधान की कोशिश, कुकी परिषदों को अधिक स्वायत्तता देने पर विचार
क्या है खबर?
मणिपुर में बीते करीब 3 महीने से चल रहे जातीय संघर्ष को रोकने के लिए सरकार अब राजनीतिक विकल्पों पर विचार कर रही है। कुकी समुदाय अपने लिए अलग प्रशासन की मांग कर रहा है, इस पर कुछ हद तक सरकार राजी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव दिया है कि वह राज्य में मौजूदा पहाड़ी परिषदों को अधिक स्वायत्तता देने के लिए तैयार है।
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, मणिपुर हिंसा की शुरुआत के बाद से ही कुकी समुदाय राज्य सरकार पर मैतेई समुदाय से मिलीभगत का आरोप लगा रहा है और अपने लिए अलग प्रशासन की मांग कर रहा है।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के एक करीबी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "हमें किसी भी रूप में अलग प्रशासन स्वीकार नहीं है। पहाड़ी जनजातियों की चिंताओं का समाधान करने के लिए हमने प्रस्ताव दिया है कि पहाड़ी परिषदों की स्वायत्तता बढ़ाई जा सकती है।"
प्रस्ताव
प्रस्ताव को नकार सकता है कुकी समुदाय
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की स्थिति को देखते हुए इसकी संभावना बेहद कम है कि कुकी समुदाय इस प्रस्ताव को स्वीकार करेगा।
एक सूत्र ने कहा, "फिलहाल कुकियो ने अलग प्रशासन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। लंबे समय तक शांति स्थापित होने के बाद ही शायद, यह उनके विचार में आएगा। हालांकि, हमारे पास विवाद को सुलझाने के दूसरे तरीके भी हैं, जिन पर सालों से चर्चा चल रही है।"
गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय भी कर रहा दोनों समुदायों से बातचीत
हिंसा के राजनीतिक समाधान के लिए गृह मंत्रालय भी कुकी और मैतेई समुदाय के प्रतिनिधि समूहों के साथ बातचीत कर रहा है। हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक करीब एक दर्जन बैठकें हो चुकी है, जिनमें से कुछ में गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए हैं।
पूर्वोत्तर के लिए केंद्र के प्रभारी एके मिश्रा सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) समझौते के तहत कुकी उग्रवादियों समूहों से अलग से बातचीत कर रहे हैं।
विधानसभा
29 अगस्त को मणिपुर विधानसभा का एक दिवसीय सत्र
हिंसा के बीच 29 अगस्त को मणिपुर विधानसभा में एक दिवसीय मानसून सत्र होगा। इस संबंध में राज्यपाल की ओर से 22 अगस्त को अधिसूचना जारी की गई थी।
राज्य सरकार के 2 मंत्रियो समेत 10 विधायकों ने सत्र का बहिष्कार किया है। ये सभी विधायक कुकी समुदाय से आते हैं। सुरक्षा कारणों से विधायकों ने सदन में आने से मना कर दिया है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने इन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
मौत
मणिपुर हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।
मणिपुर हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 6,000 से ज्यादा FIR दर्ज की गई हैं, हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और 30 लोग महीनों से लापता हैं। सुप्रीम कोर्ट में हिंसा से संबंधित करीब 10 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है।