मणिपुर में भूस्खलन की चपेट में आने से 7 लोगों की मौत, 50 से अधिक लापता

मणिपुर के नोनी जिले में जिरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन के पास भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन की चपेट में आने से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लापता बताए जा रहे हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सेना और राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) और राज्य आपदा राहत बल (SDRF) की मदद से बचाव एवं राहत कार्य शुरू किया। अब तक सात शव और 19 घायलों को मलबे से निकाला जा चुका है।
नॉर्दन फ्रंटियर रेलवे के मुख्य सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) ने बताया कि बुधवार देर रात हुए भूस्खलन में जिरीबाम से इंफाल तक निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए राज्य के नोनी जिले में टुपुल रेलवे स्टेशन के पास तैनात भारतीय सेना की 107 प्रादेशिक सेना का कैंप भी चपेट में आई है। उन्होंने बताया कि कंपनी के कई सैनिकों के मलबे में दबे होने की आशंका है। यह कंपनी निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा में तैनात थी।
CPRO ने बताया कि बचाव अभियान के तहत अब तक 19 लोगों को बचाया जा चुका है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है। सभी घायलों का नोनी सेना मेडिकल यूनिट में उपचार चल रहा है। मौके पर कई एंबुलेंसों को तैनात किया गया है।
CPRO ने कहा कि लगातार बारिश के बीच भूस्खलन से टुपुल स्टेशन की इमारत क्षतिग्रस्त हो गई है। इसी तरह ट्रैक निर्माण और मजदूरों के कैंप को भी नुकसान पहुंचा है। मलबे में मजदूरों के साथ सैनिकों के भी दबे होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन ने इजेई नदी के बहाव को रोक दिया है। भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवान बड़े पैमाने पर बचाव अभियान में जुटे हैं। इंजीनियर संयंत्र उपकरणों को बचाने में जुटे हैं।
CPRO ने बताया कि इजेई नदी का बहाव प्रभावित होने सेसे उसका पानी एक जगह जमा हो रहा है। बारिश के कारण पानी का स्तर बढ़ रहा है। यदि कटाव होता है तो निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा रहेगा। उन्होंने बताया कि लगातार हो रही बारिश से बचाव और राहत कार्य में बाधा आ रही है। हालांकि, लापता लोगों को बचाने के ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। सेना के हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्य में जुटने को तैयार हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आपात बैठक बुलाकर अधिकारियों को बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ट्वीट किया कि खोज और बचाव अभियान चल रहा है। एम्बुलेंस के साथ डॉक्टरों को घटनास्थल भेज दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे बात करते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। इसके लिए उनका आभार। NDRF टीमें भी मौके पर है।
Visited Tupul to take stock of the unfortunate landslide situation.
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) June 30, 2022
I’m thankful to Hon’ble HM Shri @AmitShah Ji for calling me to assess the situation and assured all possible assistance. A team of NDRF has already reached the site for rescue operation. pic.twitter.com/rJU1d9UgNQ
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री सिंह से बात कर स्थिति की समीक्षा की और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह सभी प्रभावितों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। उनकी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और वह घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। इसी तरह राज्यपाल ला गणेशन ने लोगों की मौत पर शोक जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी मुख्यमंत्री सिंह से फोन पर बात की है। उन्होंने कहा कि वह स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। रेलवे, NDRF, SDRF और राज्य की टीमें समन्वय में काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।