सुल्तानपुरी हादसा: आरोपियों पर कौन सी धाराएं लगाई गई हैं और इनमें कितनी सजा होती है?
क्या है खबर?
दिल्ली के सुल्तानपुरी हादसे के सभी मुख्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट और गृह मंत्रालय के आदेश के बाद की गई है।
इससे पहले आरोपियों पर धारा 304 लगाई गई थी, जो इतनी गंभीर नहीं है।
आइए जानते हैं कि आरोपियों पर कौन सी धाराएं लगाई गई हैं और इनमें कितनी सजा का प्रावधान है।
सजा
धारा 302 के तहत कितनी सजा का प्रावधान है?
IPC की धारा 302 की तहत किसी व्यक्ति की हत्या करने का दोष साबित होने पर दोषी को आजीवन कारावास और फांसी की सजा दी जा सकती है।
हत्या के मामले में सजा सुनाने से पहले हत्या के मकसद पर ध्यान दिया जाता है।
धारा 302 के मामलों में यह साबित करना आवश्यक होता है कि आरोपी के पास हत्या करने का मकसद था और उसने जानबूझकर हत्या की थी।
धारा
क्यों जोड़ी गई है हत्या की धारा?
दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सभी आरोपी जानते थे कि उनकी कार के नीचे लड़की फंसी है, लेकिन फिर भी वो उसे घसीटते रहे और इसकी पुष्टि CCTV फुटेज से भी हुई है।
बीते दिनों FSL रोहिणी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी हुई थी कि सभी आरोपी हादसे की रात शराब के नशे में धुत थे और इसके बाद ही गृह मंत्रालय के निर्देश पर हत्या की धारा जोड़ी गई हैै।
केस
धारा 304 क्या है और इसमें कितनी सजा होती है?
आरोपियों पर पहले लगाई गई IPC की धारा 304 के तहत गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया जाता है।
इसका मतलब है कि आरोपी का इरादा हत्या करने का नहीं था, लेकिन अचनाक पैदा हुई परिस्थिति के कारण आरोपी ने किसी व्यक्ति की हत्या कर दी।
इस धारा में किसी की हत्या के लिए कोई सुनियोजित साजिश नजर नहीं आती है। इस धारा के तहत 10 वर्ष की जेल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
अन्य धारा
आरोपियों पर और कौन सी धारा लगाई गई?
सुल्तानपुरी हादसे के आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 279 के तहत भी केस दर्ज किया गया है।
किसी व्यक्ति द्वारा सड़क पर लापरवाही से वाहन चलाने के कारण दूसरे व्यक्ति की जान को नुकसान पहुंचने या इसकी संभावना बनने की स्थिति में इस धारा के तहत केस दर्ज होता है।
कोर्ट मामले में दोष साबित होने पर छह महीने तक की जेल और जुर्माना या दोनों सजा सुना सकता है।
धारा
आरोपियों पर धारा 34 भी लगाई गई, ये क्या है?
आरोपियों पर IPC की धारा 34 भी लगाई गई है। यदि किसी आपराधिक घटना को एक से अधिक लोगों द्वारा एक साथ अंजाम दिया जाता है तो उन सभी पर यह धारा लागू होती है।
यह धारा उन संदिग्धों पर भी लागू हो सकती है, जिन्होंने भले ही सीधे तरीके से किसी अपराध को अंजाम देने में कोई भूमिका नहीं निभाई हो, लेकिन इसकी साजिश में उनकी भूमिका रही हो।
इसमें छह महीने कैद, जुर्माना या दोनों हो सकता है।
आरोप
सुल्तानपुरी मामले में आगे क्या?
मामले में दर्ज FIR में सात लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से पांच मुख्य आरोपी हैं।
किन आरोपियों पर कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं, यह पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
कोर्ट चार्जशीट दाखिल होने के बाद प्रत्येक आरोपी के खिलाफ अलग-अलग आरोप तय करेगी।
कोर्ट दोषियों को सजा सुनाते समय पीड़ित की मौत की वजह और तरीकों पर भी विशेष ध्यान देती है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के अमन विहार की रहने वाली 20 वर्षीय अंजलि 1 जनवरी की सुबह अंधेरे में अपनी दोस्त निधि के साथ स्कूटी से वापस लौट रही थी, तभी सुल्तानपुरी में एक कार ने उनको टक्कर मार दी।
टक्कर में निधि तो अलग गिर गई, लेकिन अंजलि का पैर गाड़ी में ही फंस गया और कार सवार उसे 13 किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गए।
इसके बाद अंजलि का शव सुनसान इलाके में नग्न हालत में मिला था।