मणिपुर में फिर हिंसा; उपद्रवियों ने खाली घरों में लगाई आग, सुरक्षाबलों की बसें भी जलाईं
मणिपुर में करीब 3 महीने से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। उपद्रवियों के एक समूह ने बुधवार तड़के मोरेह जिले में कई घरों को आग के हवाले कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि मोरेह बाजार इलाके में स्थित सभी खाली घर म्यांमार की सीमा के पास स्थित हैं। उपद्रवियों ने कांगपोकपी जिले में सुरक्षाबलों को ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाले 2 बसों में भी आग लगा दी।
आगजनी की घटना में कोई हताहत नहीं
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मंगलवार शाम को नागालैंड के दीमापुर से आ रहीं कुछ बसें कांगपोकपी से गुजर रही थीं। सपोरमीना में कुछ स्थानीय लोगों ने किसी अन्य समुदाय के लोगों के होने की आशंका जताते हुए मणिपुर की पंजीकरण संख्या वाली बसों को रोक लिया। इसके बाद भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने बसों में आग लगा दी। हालांकि, इस घटना में किसी के हताहत होने की बात सामने नहीं आई है।
NCW अध्यक्ष ने हिंसा की पीड़ित महिलाओं से की मुलाकात
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा और 2 अन्य सदस्य मणिपुर में महिलाओं की स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य के दौरे पर हैं। उन्होंने चुराचांदपुर जिले में हिंसा और यौन उत्पीड़न की पीड़ित महिलाओं के साथ मुलाकात की। इससे पहले दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी मणिपुर में निर्वस्त्र घुमाई गई 2 महिलाओं के परिवार के सदस्यों के साथ मुलाकात की थी।
हिंसा के लिए म्यांमार के घुसपैठिए जिम्मेदार- मुख्यमंत्री सिंह
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हिंसा के लिए म्यांमार से आने वाले घुसपैठियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह अवैध प्रवासी राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी और पेड़ काटने के लिए भी जिम्म्मेदार हैं। दअरसल, हाल ही में म्यांमार के 718 नागरिक मणिपुर में दाखिल हुए थे, जिसके बाद राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूद असम राइफल्स से मामले की रिपोर्ट देने के लिए कहा था।
महिला के साथ अभद्रता करने वाला BSF का हेड कांस्टेबल निलंबित
हिंसाग्रस्त मणिपुर की राजधानी इंफाल में एक दुकान के अंदर एक महिला का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में सीमा सुरक्षा बल(BSF) के एक हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। यह घटना पिछले हफ्ते की है, जिसकी CCTV फुटेज हाल ही में सामने आई थी और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।
मणिपुर में 3 मई को भड़की थी हिंसा
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च मिकाली थी, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। हिंसा की शुरुआत के बाद लगाए गए प्रतिबंध के बाद मंगलवार को मणिपुर में आंशिक रूप से इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया।