
मेक इन इंडिया: रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बना रहे ये हथियार
क्या है खबर?
सैन्य हार्डवेयर क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' नीति के तहत 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना अब धीरे-धीरे साकार होता नजर आ रहा है।
सोमवार को देश ने आत्मनिर्भरता की कदम बढ़ाते हुए स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर (LCH) के पहले बैच को सेना में शामिल कर लिया। इन्हें 'प्रचंड' नाम दिया गया है।
ऐसे में जानते हैं कि मेक इन इंडिया के तहत बने कौनसे हथियार भारत को आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
#1
चार LCH प्रचंड हेलीकॉप्टरों को सेना के बेड़े में किया शामिल
राजस्थान के जोधपुर स्थित वायुसेना स्टेशन पर 3 अक्टूबर को आयोजित एक समारोह में चार LCH प्रचंड हेलीकॉप्टरों को अधिकारिक रूप से सेना के बेड़े में शामिल किया गया है।
इसके साथ ही देश की सेना को पहला स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिल गया।
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी आदि मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर खुशी जताई थी।
खासियत
क्या है LCH प्रचंड हेलीकॉप्टरों की खासियत?
LCH प्रचंड हेलीकॉप्टरों को सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है।
इन हेलीकॉप्टरों की लंबाई 51.1 फीट और ऊंचाई 15.5 फीट है। ये 270 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम होने के साथ 16,400 फुट की ऊंचाई से 50 किलोमीटर तक हमला कर सकते हैं।
इन पर गोलियों का कोई खास असर नहीं होता और ये राह में हमला करने के साथ कुछ हद तक रडार से बचने में भी सक्षम हैं।
#2
भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत
LCH प्रचंड हेलीकॉप्टरों से पहले 2 सितंबर को देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को केरल के कोच्चि में भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो गया था।
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे नौसेना में कमीशन किया था।
भारत के पास पहले से ही रूस में बना INS विक्रमादित्य मौजूद है, लेकिन INS विक्रांत के कमीशन के बाद देश में दो एयरक्राफ्ट कैरियर हो गए हैं। इससे समंदर में भारत की ताकत में और बढ़ गई।
खूबियां
जहाज के अंदर क्या-क्या चीजें हैं?
INS विक्रांत के अंदर 2,300 कंपार्टमेंट हैं। इसमें 16 बेड का अस्पताल भी है, जिसमें दो ऑपरेशन थिएटर, लैब, ICU और CT स्कैन है।
जहाज में बनी किचन को गैले कहा जाता है, जिसमें एक साथ सैकड़ों नौसैनिकों के लिए भोजन बन सकता है। रहने के लिए क्वार्टर बने हुए हैं।
जहाज की लंबाई 262 मीटर, ऊंचाई 60 मीटर और वजन 45,000 टन है। इस जहाज पर समुद्र की तेज लहरों का कोई खास असर महसूस नहीं होता है।
जानकारी
13 साल में तैयार हुआ नया INS विक्रांत
सरकारी जहाज बनाने वाली कंपनी कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने INS विक्रांत को 13 साल में तैयार किया है। संस्कृत भाषा में विक्रांत का मतलब बहादुर है। कंपनी ने साल 2009 में इसका निर्माण शुरू किया था और आखिरकार यह सेना में शामिल हो गया।
#3
HAL द्वारा निर्मित तेजस लडा़कू विमान में दुनिया ने दिखाई दिलचस्पी
HAL द्वारा निर्मित तेजस लड़ाकू विमान मार्क-1A काफी सफल रहा है और इसकी दुनियाभर में मांग बढ़ रही है।
अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस सहित छह देशों ने भारत के तेजस विमान में दिलचस्पी दिखाई है। इसी तरह मलेशिया ने अपने अधिग्रहण कार्यक्रम के तहत 18 तेजस विमान खरीदने की योजना बनाई है।
इसी सफलता को देखते हुए सरकार ने हाल ही में तेजस मार्क-2 के लिए अपनी मंजूरी देते हुए 10,000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है।
खासियत
क्या है तेजस लडा़कू विमान की खासियत?
तेजस विमानों की घरेलू परियोजनों की नींव 1983 में ही रखी गई थी, लेकिन इसे भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन में 2016 में ही शामिल किया गया था।
तेजस भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान है और इसमें 60 फीसदी से ज्यादा कलपुर्जे देश में ही निर्मित हैं।
यह हवा से हवा में और जमीन पर मिसाइल दागने में सक्षम हैं। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। यह हवा में ईंधन भरने में भी सक्षम है।
#4
AK-203 राइफल्स से मजबूत होगी सेना
सरकार ने सितंबर में रूस के साथ मिलकर देश में AK-47 203 राइफल्स के निर्माण के सौदे को अंतिम रूप दिया था।
यह राइफल AK-47 का उन्नत रूप है और सेना में INSAS 5.56x45 मिमी असॉल्ट राइफल की जगह लेगी।
सरकार की ओर से किए गए 5,100 करोड़ रुपये के सौदे के अनुसार, पांच लाख से अधिक AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण उत्तर प्रदेश के अमेठी में इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) द्वारा किया जाएगा।
#5
आत्मनिर्भर भारत मे तहत हो रहा हॉवित्जर और ATAG तोपों का निर्माण
भारतीय सेना 100 K9 वज्र-टी 155mm/52 कैलिबर ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड गन सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया में है। K9-वज्र केंद्र की मेक इन इंडिया नीति के तहत गुजरात के लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के आर्मर्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स में बनाए गए हैं।
इसके अलावा राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में स्वदेशी रूप से विकसित होवित्जर तोप, ATAG का भी परीक्षण किया गया है। ATAG का इस्तेमाल 21 तापों की सलामी देने के लिए किया गया था।
जानकारी
ATAG को DRDO ने किया विकसित
ATAG एक स्वदेशी 155mmx 52 कैलिबर हॉवित्जर तोप है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा भारत में ही विकसित किया गया है। इसकी पुणे स्थित सुविधा आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) नोडल एजेंसी है।
#6
स्वार्म ड्रोन से चौकस होगी निगरानी
भारतीय सेना में चौकस निगरानी के लिए अगस्त में स्वार्म ड्रोन के दो सेटों को शामिल किया गया था। भारतीय सेना ने दो स्वदेशी स्टार्ट-अप बेंगलुरु स्थित न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी और भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी समीर जोशी द्वारा संचालित नोएडा स्थित रैपे एमफिब्र प्राइवेट लिमिटेड से यह स्वार्म-ड्रोन तकनीक हासिल की है।
इस तकनीक से दुश्मन पर निगरानी के साथ ही उसको को टारगेट करते हुए तबाह भी किया जा सकेगा।
खासियत
क्या है स्वार्म ड्रोन की खासियत?
स्वार्म ड्रोन पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से लैस है और ऑपरेशन के दौरान कंट्रोल स्टेशन से संचार भी कर सकते हैं। ये ड्रोन अधिक ऊंचाई और खराब मौसम में भी संचालित हो सकते हैं।
यह 100 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ान भर सकते हैं और विरोधी ड्रोन्स को मार गिराने में सक्षम हैं। ये ड्रोन टैंकों की निगरानी, सेना के लड़ाकू वाहन, गोला-बारूद वाले क्षेत्र आदि में सुरक्षा के लिए तैनान किए जा सकते हैं।