भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ पहला स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर 'प्रचंड', जानें इसकी खासियत
क्या है खबर?
भारत में ही बनाया गया स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) आज भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की मौजूदगी में राजस्थान के जोधपुर में हुए एक कार्यक्रम में इसे वायुसेना में शामिल किया गया। इसे 'प्रचंड' नाम दिया गया है।
ये लड़ाकू हेलीकॉप्टर कई तरह की मिसाइलें और हथियार दागने में सक्षम हैं और वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा करेंगे।
विकसित
HAL ने विकसित किया है प्रचंड
LCH प्रचंड को सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है।
आगामी वर्षों में सेना में कुल 95 LCH शामिल किए जाएंगे जिनमें से कुछ पहले से ही सेवा में प्रवेश कर चुके हैं। वायुसेना को 65 हेलीकॉप्टर मिलेंगे।
फिलहाल के लिए मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने 3,887 करोड़ रुपये में 15 LCH खरीदने की मंजूरी दी थी। इनमें से 10 वायुसेना और पांच सेना के लिए हैं।
खासियतें
क्या हैं प्रचंड हेलीकॉप्टर की खासियतें?
5.8 टन वजन के दो इंजन वाले प्रचंड हेलीकॉप्टर की लंबाई 51.1 फुट और ऊंचाई 15.5 फुट है। ये 270 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकेगा।
NDTV के अनुसार, इसकी रेंज 50 किलोमीटर तक है और ये 16,400 फुट की ऊंचाई से हमला कर सकता है।
प्रचंड हेलीकॉप्टर पर गोलियों का कोई खास असर नहीं पड़ेगा और यह रात में भी हमला करने में सक्षम है।
यह कुछ हद तक रडार को भी चकमा दे सकता है।
अन्य विशेषताएं
ऊंचाई वाले इलाकों में विशेष अभियान चलाने में सक्षम है प्रचंड
प्रचंड हेलीकॉप्टर को खास तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में विशेष अभियान चलाने के लिए डिजाइन किया गया है।
HAL के अनुसार, प्रचंड दुनिया का एकमात्र ऐसा लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जो अच्छी-खासी मात्रा में ईंधन और हथियारों के साथ 5,000 मीटर (लगभग 16,400 फुट) की ऊंचाई पर लैंड और टेक-ऑफ कर सकता है।
इसकी यह खासियत इसे ऊंचाई पर स्थित बंकरों को तबाह करने और जंगलों में उग्रवाद विरोधी अभियानों के लिए उपयोगी बनाती है।
चीन से मुकाबला
चीन के ड्रोन्स को मार गिरा सकता है LCH प्रचंड
LCH प्रचंड पहले ही तमाम तरह की मिसाइलों और हथियारों को दागने के टेस्ट सफलतापूर्वक पूरे कर चुका है। लद्दाख में भी इसका टेस्ट हुआ था और ये चीन के ड्रोन्स को हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से मार गिराने की काबिलियत रखता है।
इसके अलावा ये हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी-टैंक मिसाइलों और हथियारों की मदद से जमीन पर खड़े टैंकों को भी तबाह कर सकता है।
बयान
राजनाथ ने कहा- देश को काफी समय से थी लड़ाकू हेलीकॉप्टर की जरूरत
LCH प्रचंड को वायुसेना में शामिल करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "काफी समय से लड़ाकू हेलीकॉप्टर की जरूरत थी और 1999 के करगिल युद्ध के समय इस जरूरत को गंभीरता से महसूस किया गया था। LCH दो साल की रिसर्च और विकास का नतीजा है।"
उन्होंने कहा कि LCH विभिन्न इलाकों में सशस्त्र बलों की जरूरतों को अच्छी तरह से पूरा करेगा और ये सेना और वायुसेना दोनों के लिए एक आदर्श विकल्प है।