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टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार एक्सीडेंट में मौत
साइरस मिस्त्री की कार एक्सीडेंट में मौत (तस्वीर- ट्विटर/@AdityaRajKaul)

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार एक्सीडेंट में मौत

Sep 04, 2022
06:34 pm

क्या है खबर?

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई है। उनका मुंबई के पास महाराष्ट्र के पालघर में एक्सीडेंट हुआ। अधिकारियों के अनुसार, वह मर्सिडीज कार से गुजरात के अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे और रास्ते में उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई। दुर्घटना के समय कार में ड्राइवर समेत कुल चार लोग सवार थे, जिनमें से दो की मौत हो गई और दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बयान

सूर्या नदी के ऊपर बने पुल पर हुई दुर्घटना

पालघर पुलिस प्रमुख (SP) बालासाहेब पाटिल ने बताया कि दुर्घटना दोपहर लगभग 3:15 बजे सूर्या नदी के ऊपर बने पुल पर हुई। उन्होंने कहा कि मिस्त्री की मौके पर ही मौत हो गई थी। दूसरे मृतक की पहचान पंडोले के तौर पर हुई है। SP पाटिल के अनुसार, शुरूआती जांच में ड्राइवर के कार से नियंत्रित खोने के कारण ये दुर्घटना होने की बात सामने आई है और यह एक एक्सीडेंट प्रतीत होता है।

प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री बोले- एक होनहार कारोबारी थे मिस्त्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम शीर्ष नेताओं और हस्तियों ने मिस्त्री की मौत पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'श्री साइरस मिस्त्री का असामयिक निधन स्तब्ध करने वाला है। वह एक होनहार कारोबारी नेता थे जो भारत की आर्थिक शक्ति पर विश्वास करते थे। उनका निधन वाणिज्य और उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उसके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनकी आत्मा को शांति मिले।'

परिचय

कौन थे साइरस मिस्त्री?

साइरस मिस्त्री शापूरजी पलोनजी समूह के संस्थापक और चेयरमैन पलोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे थे। उनका परिवार आयरलैंड के सबसे अमीर भारतीय परिवारों में से एक है। मिस्त्री ने लंदन बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की थी और 1991 में शापूरजी पलोनजी समूह के लिए काम करना शुरू किया। 1994 में वह समूह के निदेशक बने और उनके नेतृत्व में समूह का मुनाफा दो करोड़ पाउंड (लगभग 183 करोड़ रुपये) से बढ़कर 1.5 अरब पाउंड (लगभग 137 अरब रुपये) हो गया।

टाटा संस

एक समय रतन टाटा के उत्तराधिकारी माने जाते थे मिस्त्री

शापूरजी पलोनजी समूह की टाटा समूह में 18.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह टाटा में सबसे अधिक हिस्सेदारी रखने वाली गैर-टाटा कंपनी है। इसी को देखते हुए रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद 2012 में साइरस मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया। उस समय उन्हें रतन टाटा का उत्तराधिकारी माना जाता था, लेकिन टाटा को उनका काम पसंद नहीं आया और अक्टूबर, 2016 में बोर्ड की बैठक में उन्हें अचानक पद से हटा दिया गया।

जानकारी

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मिस्त्री और टाटा समूह का विवाद

मिस्त्री ने उन्हें चेयरमैन के पद से हटाने के फैसले को "खूनी खेल" और "घात" की तरह बताया और उनका और टाटा समूह का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। कोर्ट ने उन्हें पद से हटाने के टाटा समूह के फैसले को सही ठहराया था।

कारण

क्यों पद से हटाए गए थे मिस्त्री?

एक समय रतन टाटा के उत्तराधिकारी माने जाने वाले सायरस मिस्त्री को चेयरमैन के पद से हटाने का कारण बताते हुए टाटा समूह ने कहा था कि उनके कामकाज करने का तरीका टाटा समूह के काम करने के परंपरागत तरीके से मेल नहीं खा रहा था। दरअसल, मिस्त्री घाटे में चल रहीं विदेशी कंपनियों में समूह की हिस्सेदारी बेच रहे थे। इन कंपनियों में रतन टाटा ने निवेश किया था। इसी को उनकी बर्खास्तगी का बड़ा कारण माना जाता है।