क्या है कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' जिसकी आज कन्याकुमारी से शुरुआत करेंगे राहुल गांधी?
क्या है खबर?
केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ देश की जनता को एकुजट करने के लिए कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरुआत आज तमिलनाडु के कन्याकुमारी के मंडपम से होगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से राष्ट्र ध्वज लेकर इस यात्रा की औपचरिक शुरुआत करेंगे।
यह यात्रा 150 दिन में 3,570 किलोमीटर का सफर तय कर कश्मीर पहुंचेगी।
आइये कांग्रेस की इस यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
यात्रा से पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पुष्पांजलि
यात्रा के लिए राहुल गांधी तमिलनाडु पहुंच चुके हैं। उन्होंने सुबह चेन्नई के श्रीपेरंबदुर में अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। बता दें कि राजीव गांधी की मई, 1991 में एक आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी।
यात्रा
12 राज्यों से गुजरेगी 'भारत जोड़ो यात्रा'
यात्रा की शुरुआत से पहले राहुल गांधी ने शाम 4 बजे मंडपम में राष्ट्रीय ध्वज वितरण समारोह में एक सभा को संबोधित करेंगे।
इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे।
यह यात्रा गुरुवार सुबह कश्मीर के लिए रवाना होगी। इसके बाद यह 150 दिन यानी अगले पांच महीनों में देश के 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरती हुई आखिर में जम्मू-कश्मीर के कश्मीर में पहुंचेगी।
ट्विटर
क्या है कांग्रेस की इस यात्रा का मकसद?
कांग्रेस ने यात्रा के तीन मकसद बताए हैं। इनमें मोदी सरकार में बढ़ रही आर्थिक असमानता के खिलाफ, जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव के खिलाफ और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ देश की जनता को एकजुट करना शामिल है। यात्रा की थीम 'मिले कदम, जुड़े वतन' रखी गई है।
राहुल गांधी ने भी कहा था कि मीडिया और संसद में हम बोल नहीं सकते, अब सिर्फ यही विकल्प है कि जनता के बीच जाकर देश की सच्चाई बताएं।
यात्री
कौन होंगे 'भारत जोड़ो यात्रा' के पदयात्री?
'भारत जोड़ो यात्रा' में चार तरह के पदयात्री होंगे। इन्हें भारत यात्री, प्रदेश यात्री, वॉलेंटियर यात्री और अतिथि यात्री नाम दिया गया है।
इस यात्रा में 30 प्रतिशत महिलाएं होंगी और पदयात्रियों की औसत उम्र 38 साल होगी।
भारत यात्री में राहुल गांधी सहित 120 लोग शामिल होंगे, जो पूरी यात्रा में साथ रहेंगे। हालांकि, राहुल गांधी अब किसी कारण के चलते पूरी यात्रा में शामिल नहीं हो सकेंगे और वह बीच-बीच में यात्रा से जुड़ेंगे।
अन्य
अन्य यात्रियों की क्या रहेगी भूमिका?
इस यात्रा में प्रदेश यात्री के तौर पर संबंधित प्रदेश के 100-100 नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। ये भारत यात्रियों के साथ अपने राज्य में यात्रा करेंगे और दूसरे राज्य की सीमा पर इनकी यात्रा खत्म हो जाएगी।
अतिथि यात्रियों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे और ये समय-समय पर शामिल होंगे।
इसी तरह वॉलेंटियर यात्रियों में वो आम लोग शामिल होंगे, जो इस यात्रा से जुड़ना चाहेंगे। इनमें अप्रवासी भारतीय भी शामिल होंगे।
योजना
दो शिफ्ट में चलेगी यात्रा
यह यात्रा सुबह 7 से 10:30 बजे तथा दोपहर 3:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक दो शिफ्ट में चलेगी। सुबह की शिफ्ट में 15 किलोमीटर तो शाम को आठ से 10 किलोमीटर की पदयात्रा होगी। इसी तरह से प्रतिदिन 22-23 किलोमीटर की पदयात्रा की योजना है।
भारत यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इनके लिए 60 कंटेनर तैयार किए गए हैं। इनमें सोने के लिए बेड, टॉयलेट और जरूरी चीजों की व्यवस्था की गई है।
मार्ग
क्या रहेगा पदयात्रा का मार्ग?
कन्याकुमारी से शुरू होने के बाद यह यात्रा 11 सितंबर को केरल पहुंचेगी और उसके बाद 30 सितंबर को कर्नाटक पहुंचेगी। कर्नाटक में पदयात्रा मैसूर, बेल्लारी और रायचूर में 21 दिनों तक रहेगी।
उसके बाद यह यात्रा तेलंगाना के विकाराबाद, महाराष्ट्र के नांदेड़ और जलगांव, मध्य प्रदेश के इंदौर, राजस्थान के कोटा, दौसा और अलवर, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, दिल्ली, हरियाणा के अंबाला, पंजाब के पठानकोट से होते हुए जम्मू-कश्मीर में दाखिल होगी।
यात्रा से जुड़ा गाना
यात्रा के लिए गाना भी किया गया रिलीज
कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए एक गाना भी रिलीज किया है जिसके बोल हैं 'इक तेरा कदम, इक मेरा कदम, मिल जाए तो जुड़ जाए अपना वतन।'
पार्टी का कहना है कि यात्रा के जरिए वो देश में बढ़ रही आर्थिक मुश्किलें, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक केन्द्रीयकरण को उजागर कर उस पर आम लोगों में बहस छेड़ना चाहती है। इसके साथ ही वह अन्याय, भेदभाव और जुल्म के खिलाफ जनता को एकजुट करना चाहती है।
कांग्रेस
2024 के लोकसभा चुनाव पर नजर
कांग्रेस की पदयात्रा के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। पार्टी 2024 के आम चुनावों के लिए मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के प्रयास कर रही है।
राहुल गांधी के साथ कुल 118 भारत यात्री पूरे मार्ग कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलेंगे और हिमाचल प्रदेश जैसे चुनावी राज्यों से गुजरेंगे।
इस दौरान पार्टी नियमित नागरिकों से जुड़ने और महंगाई, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी पर चर्चा करने का भी प्रयास करेगी।
भाजपा
कांग्रेस की यात्रा पर भाजपा ने साधा निशाना
भाजपा इस यात्रा को 'गांधी परिवार बचाओ आंदोलन' के नाम से कह कर कांग्रेस पर निशाना साध रही है।
राज्य सभा सांसद प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने कहा, "राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कश्मीर को अलग करने वालों का साथ दिया जिसको टुकड़े-टुकड़े गैंग के रूप में देश ने देखा है।"
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी उन ताकतों के साथ खड़े रहे जो ताकतें भारत को जोड़ना नहीं तोड़ना चाहती है।