भारत की सबसे तेज ट्रेेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' को 4 फरवरी से दौड़ाने की तैयारी
क्या है खबर?
'मेक इन इंडिया' की सफलता का सबूत देती सेमी-बुलेट ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' को 4 फरवरी से ट्रैक पर दौड़ाने की तैयारी चल रही है।
वंदे भारत एक्सप्रेस को भारत की सबसे तेज ट्रेन बताया जा रहा है।
यह नई दिल्ली से वाराणसी के रूट पर चलेगी और इस सफर को मात्र 8 घंटे में पूरा करेगी।
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। दिल्ली की राजनीति पर राज कर रहे मोदी वाराणसी से सांसद हैं।
लक्ष्य
8 घंटे में नई दिल्ली से वाराणसी का सफर पूरा करने का लक्ष्य
वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्धाटन खुद प्रधानमंत्री मोदी करेंगे।
4 फरवरी को इसे चलाने से पहले 2 फरवरी को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच इसका ट्रायल किया जाएगा।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 2 फरवरी को ट्रेन नई दिल्ली से सुबह 6 बजे रवाना होगी। इसके बाद यह कानपुर, इलाहाबाद और मिर्जापुर होते हुए वाराणसी पहुंचेगी। इलाहाबाद स्टेशन पर ट्रेन 10 मिनट के लिए रुकेगी।
ट्रेन के दोपहर 2 बजे तक वाराणसी पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।
रफ्तार
मिल चुका है 160 किमी/घंटा से दौड़ने का सुरक्षा प्रमाणपत्र
वंदे भारत एक्सप्रेस का निर्माण 'मेक इन इंडिया' योजना के तहत चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया गया है। जब ट्रेन यहां थी तो इसे 'ट्रेन 18' नाम दिया गया था।
CCRAS की मौजूदगी में हुए परीक्षण में ट्रेन को दिल्ली से आगरा के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया था।
हाल ही में CCRAS ने ट्रेन को 160 किमी/घंटे की रफ्तार पर चलने के लिए सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी किया था।
सुविधाएं
आधुनिक सुविधाएं लेकिन किराया होगा ज्यादा
आधुनिक सुविधाओं से लैस वंदे भारत का किराया शताब्दी ट्रेनों के मुकाबले 45 फ़ीसदी ज्यादा होने की संभावना है।
ट्रेन में 16 कोच हैं जो आपस में जुड़े हुए हैं।
इनमें से 2 एग्जीक्यूटिव कोच होंगे, जिनमें 52-52 सीट होंगी। बाकी बचे हुए 14 चेयर कोच होंगे जिनमें 78-78 सीट होंगी।
शताब्दी एक्सप्रेस की तरह ट्रेन में केवल बैठने का इंतजाम है।
शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस में खास सुविधा की गई है।