मध्य प्रदेश: कोरोना मौतों में हेरफेर, जांच के बाद मृतकों की संख्या में 1,478 का इजाफा
कोरोना महामारी के दौर में देश में मौतों के सरकारी आंकड़ों पर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाएं सवाल उठा चुकी है। हालांकि, सरकार ने सभी दावों को खारिज कर दिया था। इसी बीच अब मध्य प्रदेश सरकार की समीक्षा में संक्रमण के कारण हुई मौतों में हेरफेर का मामला सामने आया है। इस समीक्षा के बाद सरकार ने कुल मौतों में लगभग 16 प्रतिशत यानी 1,478 की वृद्धि की है और इन्हें 9,028 से बढ़ाकर 10,506 कर दिया गया है।
मौतों के आंकड़ें पर सवाल खड़े होने पर जिलों से जुटाई थी जानकारी
नई दुनिया के अनुसार, राज्य में कोरोना संक्रमण से हुई 1,478 मौतों का हिसाब नहीं मिल रहा था। राज्य के श्मशान घाटों में पहुंचने वाले शवों की संख्या सरकारी रिकार्ड से काफी अधिक थी। इस मुद्दे पर जब सवाल खड़े होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को श्मशानों में पहुंचने वाले शवों की ऑडिट कराने और डाटा को अपडेट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों से जानकारी जुटाना शुरू कर दिया था।
जानकारी सामने आने पर मौतों में किया 1,478 का इजाफा
जिलों से जुटाई गई जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मौतों में 1,478 का इजाफा कर दिया। रविवार तक राज्य में मौतों का आंकड़ा 9,028 था, लेकिन पुरानी मौतों को जोड़ने के बाद यह 10,506 पर पहुंच गया है। इस आंकड़े को जोड़ने के बाद आंकड़ों में भी इजाफा हुआ है। देश में पिछले 24 घंटे में 2,020 मौतें दर्ज की गई है। इसके साथ ही देश में सकल मृत्यु दर भी 1.33 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
जांच में सामने आई निजी अस्पतालों में सबसे ज्यादा 762 मौत होने की जानकारी
स्वास्थ्य विभाग की और से मौतों में जोड़ी गई 1,478 नई मौतों में से निजी अस्पतालों में हुई सबसे ज्यादा 762 मौतें शामिल है। इसी तरह सरकारी अस्पतालों की 508 और होम आइसोलेशन में हुई 208 मौतों को भी शामिल किया गया है। अब सवाल यह है कि इतनी मौतों की जानकारी अभी तक कैसे सामने नहीं आई। इसी तरह होम आइसोलेशन में हुई मौतों की संख्या ने राज्य की चिकित्सा व्यवस्थाओं पर भी बड़ा सवाल खड़ा किया है।
डाटा अपडेट करने के बाद 1,409 संक्रमितों का नहीं है हिसाब
स्वास्थ्य विभाग की ओर से डाटा अपडेट करने के बाद राज्य में 1,409 संक्रमितों का हिसाब नहीं मिल रहा है। नए डाटा के अनुसार राज्य में मृतकों की कुल संख्या 10,506 हैं। इसी तरह 296 सक्रिय मामले हैं और 7,80,800 लोग ठीक हो चुके हैं। इन तीनों आंकड़ों को मिलाकर मरीजों की कुल संख्या 7,91,602 होनी चाहिए, लेकिन डाटा के अनुसार प्रदेश में कुल 7,90,193 मरीज मिले हैं। ऐसे में 1,409 मरीजों का हिसाब नहीं है।
बिहार सरकार ने भी किया था मौतों में 73 प्रतिशत का हिसाब
कोरोना से मौतों के आंकड़ों पर सवाल उठने के बाद जून में पटना हाई कोर्ट ने सरकार को मौत के आंकड़ों की जांच कराने के आदेश दिए थे। उसके बाद जब सरकार ने जांच कराई तो आंकड़ों में बड़ा हेरफेर सामने आया था। इसके कारण सरकार को राज्य में हुई मौतों में 73 प्रतिशत का इजाफा करना पड़ा था। उस दौरान बिहार सरकार ने मौतों के आंकड़ों को एक दिन में ही 5,458 से बढ़कर 9,429 पर पहुंचा दिया था।