मध्य प्रदेश: इलाज का खर्च न चुकाने पर अस्पताल ने बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांधा
मध्य प्रदेश के शाजापुर से एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक निजी अस्पताल ने इलाज का बिल न चुका पाने पर एक बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांध दिया। मरीज की बेटी का आरोप है कि अस्पताल उनसे 11,000 रुपये मांग रहा था। वहीं अस्पताल का कहना है कि मरीज को दौरे पड़ रहे थे, इसलिए उसे बांधा गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
11,000 रुपये पहले ही जमा कर चुके थे परिजन
राजगढ़ जिले के रनारा गांव के निवासी लक्ष्मी नारायण दांगी को पेट में तकलीफ होने पर पांच दिन पहले शाजापुर सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज की बेटी सीमा के अनुसार, इस दौरान उन्होंने दो बार, एक बार 5,000 रुपये और दूसरे बार 6,000 रुपये, अस्पताल में पैसे जमा कराए। शुक्रवार को जब सीमा ने पैसे खत्म होने की बात कहते हुए अपने पिता को घर ले जाने की कोशिश की तो अस्पताल प्रशासन ने उन्हें रोक लिया।
बिल जमा न करने पर बुजुर्ग को बांधा
सीमा के अनुसार, जब वह अपने पिता की फाइल लेने गई तो अस्पताल प्रशासन ने 11,270 रुपये का बिल और भरने को कहा। बिल न जमा करने पर उन्होंने फाइल नहीं दी और जब सीमा अपने पिता के साथ अस्पताल से जाने लगी तो उसके पिता को पकड़ कर पलंग से बांध दिया। लक्ष्मी नारायण लगभग दो दिन तक इसी स्थिति में रहे और उन्हें ठीक से खाना-पीना भी नहीं दिया गया।
अस्पताल ने किया आरोपों को खारिज
आरोपों पर सफाई देते हुए सिटी अस्पताल के मालिक डॉक्टर वरुण बजाज का कहा, "बुजुर्ग को दिमागी बुखार है। उन्हें झटके भी आ रहे थे। उनके छटपटाने से बोतल लगाने के बाद सुई के टूटने का खतरा रहता है। इसलिए रस्सी से बांधा गया था। ऐसे मरीजों को कंट्रोल करने के लिए ऐसा किया जाता है।" उन्होंने कहा कि मरीज की बेटी से बकाया बिल जमा करने को लेकर कोई बात ही नहीं हुई थी।
पुलिस और मीडिया ने मौक पर पहुंच बुजुर्ग को छुड़ाया
शुक्रवार रात मीडिया को मामले की जानकारी मिली और मौके पर पहुंच कर उन्होंने पुलिस को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद मरीज को घर भेज दिया गया। 'नई दुनिया' की एक रिपोर्ट के अनुसार, राधेश्याम नामक एक शख्स ने पीड़ित के आरोपों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पैसे से संबंधित किसी मामले में मरीज को पलंग से बांधा गया था। उन्होंने दो दिन तक खाना न दिए जाने की भी पुष्टि की।
मुख्यमंत्री शिवराज और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने किया मामले पर ट्वीट
मामले हाई प्रोफाइल तब बन गया जब शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर ट्वीट कर दिया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में आया है। दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।' पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी ट्वीट करते हुए मामले को अमानवीय और बर्बर बताया है और सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
कमलनाथ ने सरकार पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद एक्शन मोड में जिला प्रशासन
मुख्यमंत्री के मामले का संज्ञान लेने के बाद सभी अधिकारी सक्रिय हो गए हैं और जिला प्रशासन ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। SDM साहेब लाल सोलंकी देर शाम टीम के साथ अस्पताल पहुंचे और सबके बयान दर्ज किए।