दो रुपये प्रति लीटर बढ़ी अमूल दूध की कीमतें, कंपनी ने बताया कारण
क्या है खबर?
कोरोना महामारी के बीच जहां आम आदमी पेट्रोल-डीजल सहित खाने के तेलों की लगातार बढ़ती कीमतों से परेशान हैं, वहीं अब अमूल ने देशभर में दूध की कीमतों में इजाफा कर बड़ा झटका दिया है।
कंपनी ने अमूल दूध की विभिन्न श्रेणियों की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है।
दूध की यह बढ़ी हुई कीमतें गुरुवार यानी 1 जुलाई, 2021 से लागू होगी। कंपनी ने इसके लिए उच्च लागत को जिम्मेदार ठहराया है।
कीमत
यह होगी अमूल दूध की नई कीमत
इंडिया टुडे के अनुसार, अमूल दूध की नई कीमतें देश की राजधानी दिल्ली, NCR, गुजरात, पश्चिम बंगाल और पंजाब समेत कई राज्यों में लागू होगी।
बढ़ी हुई कीमतें अमूल के सभी दूध ब्रांड अमूल गोल्ड, अमूल शक्ति, अमूल ताजा, अमूल टी-स्पेशल, अमूल स्लिम एन्ड ट्रीम पर लागू होगी।
इसके बाद अमूल गोल्ड के दाम 58 रुपये प्रति लीटर, अमूल ताजा 46 रुपये और अमूल शक्ति के दाम 52 रुपये प्रति लीटर हो जाएंगे। यह आम आदमी को बड़ा झटका होगा।
कारण
कंपनी ने दूध की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे यह बताया कारण
अमूल ब्रांड नाम के तहत दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाले गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (GCIMMF) ने कीमतों की बढ़ोतरी के पीछे उच्च उत्पादन लागत को जिम्मेदार ठहराया है।
GCIMMF ने कहा कि दूध उत्पादों की विभिन्न श्रेणियों की कीमतों में बढ़ोतरी डेढ साल बाद की गई है। इस दौरान उच्च परिवहन शुल्क, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स के कारण उत्पादन लागत में बढ़ोतरी हो गई। ऐसे में दूध की कीमतों का बढ़ाना जरूरी हो गया था।
बढ़ोतरी
किसानों को भी दिया गया है फायदा
GCIMMF ने कहा कि उच्च उत्पादन लागत को देखते हुए किसानों को दी जाने वाली प्रति लीटर दूध की कीमत को 45 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में छह प्रतिशत अधिक है।
कंपनी ने कहा अमूल अपनी नीति के तहत दूध और दुग्ध उत्पादों पर उभोक्ता से लिए जाने वाले प्रत्येक एक रुपये में से 80 पैसे दुग्ध उत्पादकों को देता है। ऐसे में कीमतों को बढ़ाना जरूरी था।
बयान
खाद्य महंगाई बढ़ने के कारण दूध की कीमतों में बढ़ोतरी थी जरूरी- सोढ़ी
GCIMMF के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने कहा, "लगभग एक साल और सात महीने के बाद कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, जो उच्च उत्पादन लागत के कारण जरूरी हो गई थी।
उन्होंने कहा, "खाद्य महंगाई बढ़ने के कारण दूध की कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी हो गई थी। इसके अलावा पैकेजिंग की लागत में 30 से 40 प्रतिशत, परिवहन लागत में 30 प्रतिशत और ऊर्जा लागत में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जिसके चलते उत्पादन लागत बढ़ गई है।"