भारतीय रेलवे के लिए काफी भयावह रहा है साल 2024, जानिए कितने हादसे हुए
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में मंगलवार सुबह मुंबई-हावड़ा CSMT मेल ट्रेन के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए। इसमें 2 लोगों की मौत के साथ 20 लोग भी घायल हो गए। यह हादसा भारतीय रेलवे के लिए काफी पीड़ादायक माना जा रहा है। इसका कारण है कि साल 2024 में अब तक 7 बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी है, जिनमें 4 हादसे ट्रेनों के पटरी से उतरने के कारण हुए हैं। आइए इस साल हुई रेल दुर्घटनाओं पर नजर डालते हैं।
इस साल हुए रेल हादसों में सामने आए ये प्रमुख कारण
इस साल हुए सभी रेल हादसों में ट्रेनों के पटरियों से उतरने, सिग्नल फेल होने, आगे-पीछे की टक्कर जैसे कई प्रमुख कारण सामने आए हैं। इसके चलते यात्रियों की मौतों और चोटों के साथ रेलवे की संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है। बड़ी बात यह है कि सरकार पुरानी रेल लाइनों को बदलने, नई ट्रेनें चलाने और मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग को हटाने के लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन उसके बाद भी हादसे नहीं रुक रहे हैं।
झारखंड में कैसे हुआ हादसा?
दक्षिण पूर्व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने PTI को बताया कि जमशेदपुर से 80 किलोमीटर दूर चक्रधरपुर मंडल में बड़ाबांबू के पास मुंबई-हावड़ा CSMT मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस दुर्घटना में 2 यात्रियों की मौत हो गई और 20 घायल हो गए। घायलों को बड़ाबांबू के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि हादसे से पहले वहां एक मालगाड़ी भी पटरी से उतरी थी। ऐसे में इस हादसे का उससे संबंध हो सकता है।
पटरी से उतरी थी चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस
उत्तर प्रदेश के मोतीगंज और झुलाही रेलवे स्टेशनों के बीच 18 जुलाई को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उस घटना में 4 लोगों की मौत हुई थी और करीब 30 अन्य घायल हो गए थे। पटरी से उतरे 21 डिब्बों में से 5 AC डिब्बे झुलाही स्टेशन से कुछ किलोमीटर पहले पटरी से उतर गए थे। उस घटना में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की एक टुकड़ी को भी बुलाया गया था।
भुवनेश्वर में पटरी से उतरी मालगाड़ी
ओडिशा के भुवनेश्वर में सोमवार (29 जुलाई) को एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई। हालांकि, इस हादसे में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। पटरी से उतरने के कारण 2 यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया और 6 का समय में परिवर्तन किया गया।
कार से टकराई हजारदुआरी एक्सप्रेस
पश्चिम बंगाल के खरदाह रेलवे स्टेशन पर 14 जुलाई की रात एक यात्री ट्रेन दो कारों से टकरा गई थी। हालांकि, इसमें किसी की जान नहीं गई। रात करीब 8:40 बजे जब ट्रेन रेलवे की लाइन 4 पर खरदाह स्टेशन के पास पहुंची तो गेटमैन ने फाटक बंद करना शुरू कर दिया। हालांकि, इसके बाद भी दो कार पटरियों के बीच फंसी रह गई। इससे ट्रेन कारों से टकराई, लेकिन रफ्तार कम होने से किसी को चोट नहीं आई।
मालगाड़ी से टकराई कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन
पश्चिम बंगाल में रंगापानी और चत्तर हाट स्टेशनों के बीच 17 जून को एक मालगाड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस से टकरा गई। उस हादसे में मालगाड़ी के लोको पायलट और एक्सप्रेस ट्रेन के ट्रेन मैनेजर सहित 10 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 50 अन्य घायल हुए थे। हादसे के कारणों में स्वचालित सिग्नल विफलता, परिचालन प्रबंधन प्रक्रिया के विभिन्न स्तरों पर लापरवाही तथा लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर के पास वॉकी-टॉकी का अभाव शामिल होना शामिल था।
जून और मार्च में हुए ये 2 हादसे
2 जून को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में सरहिंद रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी को पीछे से एक अन्य ट्रेन ने टक्कर मार दी, जिससे 2 लोको पायलट घायल हो गए थे। इसमें स्टेशन प्रशासन की गड़बड़ी सामने आई थी। इसी तरह 8 मार्च को राजस्थान के अजमेर स्टेशन के पास साबरमती-आगरा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के 4 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हालांकि, इस घटना में किसी को चोट नहीं आई। ट्रेन की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
जवाबदेही लेने की मांग
द वायर एक रिपोर्ट के अनुसार, 11 रेलवे समूहों और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने एक संयुक्त बयान जारी कर मांग की है कि केंद्र सरकार, उसके मंत्री और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी कई रोके जा सकने वाले हादसों की जिम्मेदारी लें। संगठनों ने सरकार से सुरक्षा मानदंडों और प्रक्रियाओं के उल्लंघन को भी खत्म करने का आह्वान किया है तथा उन प्रमुख कमियों की ओर इशारा किया है जो इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
रेलवे पर कितना खर्च कर रही सरकार?
एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र की भाजपा सरकार ने साल 2014 से अब तक रेलवे को 1,78,012 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसका मतलब है कि हर साल औसतन 17,801 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह बजट साल 2014 से पहले की तुलना में ढाई गुना ज्यादा है। 2004 से 2014 के बीच रेलवे के लिए 70,273 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। इसके बाद भी रेल हादसे होना बड़ी चिंता का विषय है।