साइबर ठगी में भारतीयों ने गंवाएं 25,000 करोड़ रुपये, केवल 3 साल में इतना नुकसान
साइबर अपराध के मामले देश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार का अनुमान है कि पिछले 3 वर्षों में साइबर धोखाधड़ी से भारतीय जनता को 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो सिक्किम के वार्षिक बजट से दोगुना है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जहां गृह मंत्रालय और MeitY के अधिकारियों ने इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और गूगल जैसी दिग्गज टेक कंपनियों से चिंताओं को साझा किया है।
रोजाना दर्ज हुई औसतन 27 FIR
साइबर जालसाज सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल एम्पलीफायर के रूप में कर रहे हैं, जिससे वे आसानी से पीड़ितों को फंसाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल औसतन प्रतिदिन साइबर धोखाधड़ी से संबंधित 27 FIR दर्ज की गईं, जो वास्तविक संख्या से काफी कम है। जनवरी, 2024 से जून, 2024 तक, केंद्रीय साइबर धोखाधड़ी एजेंसी को 709 शिकायतें मिलीं, जिनमें पीड़ितों को 1 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। कुल नुकसान 1,421 करोड़ रुपये था।
गिरफ्तारी हुई बहुत कम
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साइबर धोखाधड़ी के मामलों में कुल गिरफ्तारियां कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा दर्ज किए गए कुल मामलों का 1 प्रतिशत भी नहीं हैं। साइबर धोखाधड़ी से संबंधित विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा दर्ज किए गए कुल मामले 66,000 से अधिक हैं, लेकिन इस साल तक की गई गिरफ्तारियां सिर्फ 500 हैं। केंद्र सरकार के एक आधिकारिक संचार के अनुसार, सबसे बड़ी चिंता साइबर धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ़्तारी की बहुत कम संख्या है।
साइबर ठगी से कैसे रहें सुरक्षित?
साइबर ठगी से सुरक्षित रहने के लिए अपनी वित्तीय और व्यक्तिगत जानकारी किसी अनजान के साथ साझा ना करें। कभी भी अनजान कॉल पर दिए गए दिशा निर्देशों का पालन ना करें। इससे आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। अपने लैपटॉप पर कंप्यूटर में अनजान ऐप इंस्टॉल ना करें और किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। साइबर ठगी की आशंका होने पर तत्काल साइबर अपराध सेल और अपने बैंक में शिकायत करें।