जम्मू-कश्मीर: अनंतनाग मुठभेड़ में ढेर हुआ पुलवामा हमले का आखिरी जिंदा गुनहगार
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सेना ने 30 दिसंबर को अनंतनाग में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में फरवरी 2019 को पुलवामा मेें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हमले से जुड़े आखिरी जिंदा आतंकी को भी मार गिराया है। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) विजय कुमार ने शनिवार को इसकी पुष्टि की है। सेना की इस कामयाबी को पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को सलामी के रूप में देखा जा रहा है।
सेना ने अनंतनाग में मार गिराए थे तीन आतंकी- IGP
TOI के अनुसार, IG कुमार ने बताया कि 30 दिसंबर को कुलगाम और अनंतनाग क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। उस दौरान आतंकियों ने खुद को घिरा हुआ पाकर जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी मारे गए थे और एक जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।
आतंकी समीर डार से मिलता हुआ मिला एक आतंकी का चेहरा- IGP
IGP कुमार ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकियों में से एक का चेहरा जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर और पुलवामा हमले के आखिरी जिंदा आतंकी समीर डार से मेल खाता मिला। इसके बाद सेना ने उसका DNA टेस्ट कराने का निर्णय किया। इसमें मारे गए आतंकी के समीर डार होने की पुष्टि हो गई। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों में से एक पाकिस्तानी नागरिक था तो दो स्थानीय नागरिक थे।
आतंकियों के पास से बरामद हुए थे हथियार
IGP कुमार ने बताया मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों के पास से जवानों ने हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया था। उन्होंने बताया कि आतंकियों के पास से एक M-4 और दो AK-47 राइफलें, आठ राउंड गोलियां और ग्रेनेड भी बरामद किए गए थे। उसके बाद से इलाके में सर्च अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि सेना की ओर से क्षेत्र में लगातार निगरानी की जा रही है और आतंकियों के सभी प्रयासों को नाकाम किया जा रहा है।
कब हुआ था पुलवामा हमला?
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से लदी कार की मदद से CRPF के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे। उसके बाद सुरक्षा बल और जांच एजेंसियां इस मामले से जुड़ी एक-एक गुत्थी को सुलझाने में जुट गई थी। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर समीर डार का नाम भी सामने आया था। वह एकमात्र जिंदा आतंकी था।