जम्मू-कश्मीर: अमित शाह ने दौरे के दूसरे दिन दो साल में मेट्रो समेत क्या-क्या वादे किए?
क्या है खबर?
बढ़ती आतंकी गतिविधियों के बीच जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अपने दौरे के दूसरे दिन कई बड़े वादे किए। इसमें जम्मू शहर और श्रीनगर में मेट्रो चलाने से लेकर जम्मू एयरपोर्ट का विस्तार करने जैसे कई अहम वादे शामिल रहे।
इससे पहले वह शनिवार को जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा भी कर चुके हैं और इसके लिए एक रोडमैप बताया है।
वादे
अमित शाह ने क्या-क्या वादे किए?
जम्मू के भगवती नगर में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने जम्मू शहर और श्रीनगर में मेट्रो चलाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि ऐसा महज दो साल के अंदर किया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने जम्मू एयरपोर्ट का विस्तार करने और जम्मू-कश्मीर के हर जिले में हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करने का वादा भी किया।
उन्होंने IIT जम्मू के नए कैंपस समेत कई नई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया।
बयान
2022 के अंत तक जम्मू-कश्मीर में करेंगे 51,000 करोड़ रुपये का निवेश- शाह
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार के राज में जम्मू-कश्मीर में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है और सरकार 2022 के अंत तक इलाके में कुल 51,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है।
बयान
शाह बोले- अब जम्मू-कश्मीर के विकास को कोई नहीं रोक सकता
अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान आतंकियों को चुनौती भी दी। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर में शुरू हुए विकास के दौर को कोई नहीं रोक सकता। ये मंदिरों, माता वैष्णो देवी, प्रेमनाथ डोगरा और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान की भूमि है। हम जम्मू-कश्मीर में शांति को भंग करने वालों को सफल नहीं होने देंगे... जम्मू के लोगों के साथ अन्याय का समय समाप्त हो गया है। अब आपके साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता।"
बयान
"वाल्मीकि समाज और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के साथ भेदभाव खत्म हुआ"
शाह ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला लिया। वाल्मीकि समाज और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के साथ भेदभाव खत्म हो गया है। न्यूनतम आय अधिनियम को जम्मू-कश्मीर में लागू कर दिया गया है।"
वादा
शनिवार को शाह ने किया था जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा
बता दें कि अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद अमित शाह का ये पहला जम्मू-कश्मीर दौरा है। शनिवार को अपने दौरे के पहले दिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था।
इसके लिए रोडमैप पेश करते हुए उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में पहले परिसीमन कराया जाएगा, इसके बाद विधानसभा चुनाव होंगे और चुनाव के बाद राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
वह संसद में भी यही वादा कर चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर दौरा
महत्वपूर्ण माना जा रहा शाह का दौरा
अमित शाह का यह दौरा पहले से प्रस्तावित था, लेकिन मौजूदा समय में आतंकी घटनाओं में आई वृद्धि के चलते उनकी इस यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शनिवार को उन्होंने प्रशासन और सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी।
राजभवन में हुई इस बैठक में अधिकारियों ने उन्हें आतंकवाद को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों और घुसपैठ रोधी उपायों की जानकारी दी।
आतंकी गतिविधियां
हालिया समय में कश्मीर में बढ़ी हैं आतंकी घटनाएं
गौरतलब है कि हालिया दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं और आतंकियों ने अल्पसंख्यकों और सेना दोनों को निशाना बना रहे हैं। इसी महीने आतंकी इलाके में नौ अल्पसंख्यकों की हत्या कर चुके हैं।
इसके अलावा पुंछ में सीमा पार से आए आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में नौ जवान शहीद हो चुके हैं। ये मुठभेड़ 14 दिन से चल रही है।
सेना ने भी बड़ा अभियान चलाते हुए 15 दिन में 15 आतंकियों का सफाया किया है।