मुंबई: 93 वर्षीय महिला को 8 दशक की कानूनी लड़ाई के बाद मिला फ्लैट का हक
मुंबई की रहने वाली एक 93 वर्षीय महिला ने अपने 2 फ्लैट का मालिकाना हक पाने के लिए करीब 8 दशक तक चली कानूनी लड़ाई जीत ली है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दोनों फ्लैट उनकी वृद्ध मालकिन को सौंपने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि ये दोनों फ्लैट दक्षिण मुंबई में स्थित रूबी मेंशन की पहली मंजिल पर स्थित हैं, जिनका क्षेत्रफल क्रमशः 500 और 600 वर्गफीट है।
हाई कोर्ट ने 8 सप्ताह के अंदर फ्लैट को कब्जामुक्त करवाने का दिया निर्देश
बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस आरडी धानुका और एमएम सथाये की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि जुलाई, 1946 में अधिग्रहण रद्द करने का आदेश पारित होने के बावजूद इन दोनों फ्लैटों को कभी भी उनकी मालकिन एलिस डिसूजा को वापस नहीं सौंपा गया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को 8 सप्ताह के अंतर वर्तमान कब्जाधारियों को शांतिपूर्वक तरीके से फ्लैट से हटाकर उन्हें असली मालिक डिसूजा को सौंपने का निर्देश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 1942 में तत्कालीन भारतीय रक्षा अधिनियम के तहत इमारत का अधिग्रहण किया गया था। बता दें कि इस अधिनियम के तहत ब्रिटिश शासकों को निजी संपत्तियों पर कब्जा करने की अनुमति थी। वहीं 1946 के आदेश में बॉम्बे के कलेक्टर ने निर्देश दिया था कि इमारत की पहली मंजिल को कब्जामुक्त करवाकर एलिस डिसूजा और उनके पति को सौंप दिया जाए, लेकिन उन्हें कभी भी मालिकाना हक नहीं मिला।
बुजुर्ग महिला ने अपनी याचिका में क्या मांग की थी?
डिसूजा ने अपनी याचिका में महाराष्ट्र सरकार और मुंबई के कलेक्टर को जुलाई, 1946 के अधिग्रहण के आदेश को लागू करने और उन्हें फ्लैट का कब्जा सौंपने का निर्देश देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि फ्लैटों का मालिकाना हक उनके सही मालिकों को नहीं सौंपा गया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि इमारत में पहले फ्लोर को छोड़कर अन्य फ्लैटों का कब्जा उनके मालिकों को वापस सौंप दिया गया है।
फ्लैट में फिलहाल किन लोगों का कब्जा है?
बता दें कि कि दोनों फलैट पर वर्तमान में ब्रिटिश राज के एक पूर्व सरकारी अधिकारी डीएस लॉड के कानूनी उत्तराधिकारियों का कब्जा है। सुनवाई के दौरान फ्लैट में रहने वाले इन लोगों ने बुजुर्ग महिला की याचिका का विरोध भी किया था। दरअसल, डीएस लॉड को 1940 के दशक में मांग आदेश के तहत परिसर में फ्लैट आवंटित किए गए थे। लॉड उस समय सिविल सेवा विभाग में अधिकारी थे।