
कार में प्लास्टिक क्लैडिंग का चुनाव कितना सही? जानिए इसके फायदे और नुकसान
क्या है खबर?
लोग नई कार खरीदते समय उसके आकर्षक लुक को प्राथमिकता देते हैं। गाड़ियों को सुंदर बनाने के लिए निर्माता भी इनमें अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। प्लास्टिक क्लैडिंग इनमें से ही एक है, जो वर्तमान में आने वाली ज्यादातर स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (SUVs) में सामान्य हो गई है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि इस फीचर के साथ कार चुनना फायदेमंद है या घाटे का सौदा। आइये जानते हैं प्लास्टिक क्लैडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं।
प्लास्टिक क्लैडिंग
क्या है प्लास्टिक क्लैडिंग?
प्लास्टिक क्लैडिंग एक प्लास्टिक ट्रिम है, जो गाड़ी के शेप और आकार के हिसाब से विभिन्न तरह की होती है। यह कारों को वास्तविक से ज्यादा मज़बूत दिखाती है। इस कारण कार निर्माता भारत में अपनी हैचबैक कारों में हर तरफ इस प्लास्टिक ट्रिम का एक सेट लगाते हैं। यह कार निर्माता को लागत कम करने में मदद करता है, जिससे ग्राहक की जेब पर बोझ कम पड़ता है। फायदे को देखते हुए अधिकांश कंपनियां इसका इस्तेमाल करने लगी हैं।
फायदे
बदलना कम खर्चीला
इसके फायदे की बात करें तो प्लास्टिक ट्रिम कार को मजबूत, उपयोगी और मूल्यवान बनाती है। दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने पर इसको आसानी से बदला जा सकता है और सस्ती होने के कारण खर्चा भी कम आता है। प्लास्टिक क्लैडिंग वाले बंपर आमतौर पर कई परतों में आते हैं। ऐसे में केवल क्षतिग्रस्त परत को ही बदलने की जरूरत होती है। उबड़-खाबड़ रास्तों पर इसमें कम नुकसान होता है और फेंडर्स को जंग लगने से बचाती है।
नुकसान
मूल आकर्षण खो देती है गाड़ी
फायदों के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं। यह बिना पेंट किया होता है। इस कारण लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहने से प्लास्टिक फीका पड़ जाता है। पेट की चमक तो बरकरार रह सकती है, लेकिन प्लास्टिक भद्दा नजर आएगा। प्लास्टिक क्लैडिंग के ज्यादा इस्तेमाल से गाड़ी सस्ती लगती है। अगर गाड़ी में चारों तरफ इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाए तो यह अपनी असली खूबसूरती खो देती है। हल्की-सी दुर्घटना में इनके टूटने का खतरा रहता है।