
बिना कवरेज खोए कैस कम करें स्वास्थय बीमा का प्रीमियम? ये तरीके अपनाएं
क्या है खबर?
बदलती दिनचर्या के कारण लोगों को तरह-तरह की स्वास्थ्य समस्याओं ने घेर लिया है। इस कारण इलाज पर होने वाला खर्चा भी बढ़ता जा रहा है। इसी को देखते हुए अब स्वास्थ्य बीमा करवाना आवश्यक हो गया है। बीमा कंपनियां पॉलिसी में तरह-तरह के कवरेज प्रदान कर रही हैं, लेकिन इनका प्रीमियम काफी महंगा होता है। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिनकी मदद से सुरक्षा में समझौता किए बिना प्रीमियम को कम कर सकते हैं।
डिडक्टिबल
डिडक्टिबल कितना कम होगा प्रीमियम?
डिडक्टिबल: यह एक निश्चित राशि होती है, जो दावे की स्थिति में आपके बीमाकर्ता के हस्तक्षेप से पहले आपकी जेब से चुकाई जाती है। 5,000 या 10,000 रुपये का डिडक्टिबल चुनने से आपका प्रीमियम 10-20 प्रतिशत तक कम हो सकता है। इसे सुपर टॉप-अप प्लान के साथ जोड़ने से ज्यादा बीमा राशि प्राप्त करने का एक किफायती तरीका मिलता है। 'सुपर' टॉप-अप प्लान: यह मूल पॉलिसी राशि खत्म होने के बाद शेष राशि का भुगतान करने का सस्ता विकल्प है।
छूट
इस तरह भी मिलती है छूट
प्रीमियम छूट का लाभ: बीमा कंपनियां दीर्घकालिक पॉलिसी पर छूट देती हैं, जिनसे प्रीमियम 10-20 प्रतिशत तक कम हो सकता है। इसलिए, सालाना नवीनीकरण के बजाय 2 या 3 साल की पॉलिसी चुनें। इसके अलावा फैमिली फ्लोटर छूट, उसी कंपनी में अन्य पाॅलिसी होने पर और स्वास्थ्य आदतों वालों को छूट और बीमा क्लेम नहीं करने पर बोनस मिलता है। नियमित जांच: कुछ बीमा कंपनियां नियमित स्वास्थ्य जांच कराने पर प्रीमियम में छूट देती हैं।
पॉलिसी पोर्ट
पॉलिसी पोर्ट का विकल्प देगा ये फायदे
पॉलिसी पोर्ट: रिन्यू कराते समय बीमा कंपनी बदलने से आपको बेहतर लाभ और प्रीमियम दरें मिल सकती हैं। इससे आपको पिछले कंपनी द्वारा दिए गए लाभ भी खोने नहीं पड़ते। निम्न श्रेणी के कमरे का चयन: कमरे के किराए की सीमा सीधे आपके प्रीमियम को प्रभावित करती है। चिकित्सक की फीस या डायग्नोस्टिक जैसे शुल्क आमतौर पर आपके कमरे से संबंधित होते हैं। इसलिए, इससे दावे की राशि बढ़ जाती है। पॉलिसी लेते समय निम्न श्रेणी का चयन करें।