
कर्नाटक: बहुमत साबित करने को तैयार हैं मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, स्पीकर से मांगी विश्वास मत की तारीख
क्या है खबर?
शुक्रवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विश्वास मत की मांग की और विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार से इसके लिए समय तय करने को कहा।
विश्वास मत में सरकार को साबित करना होता है कि उसके पास पर्याप्त बहुमत है।
कुमारस्वामी ने ये मांग ऐसे समय पर की है, जब पहले ही कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और उनकी सरकार के अल्पमत में दिख रही है।
बयान
आज से शुरू हुए विधानसभा सत्र में दिया बयान
आज से कर्नाटक विधानसभा का नया सत्र शुरू हुआ है।
इसी में कुमारस्वामी ने स्पीकर से ये मांग की।
उन्होंने कहा, "मैं हर स्थिति के लिए तैयार हूं और यहां सत्ता से चिपकने के लिए नहीं आया हूं। मैंने विश्वास मत का फैसला लिया है और स्पीकर कुमार से इसके लिए समय निर्धारित करने की मांग करता हूं।"
बाद में एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि अस्थिर करने के तमाम प्रयासों के बावजूद कांग्रेस-JD(S) सरकार मजबूती से चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट फैसला
16 जुलाई तक इस्तीफों पर फैसला नहीं ले सकते स्पीकर
इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार को बागी विधायकों के इस्तीफे और सदस्यता पर 16 जुलाई तक कोई भी फैसला लेने को कहा।
16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट मामले में सुनवाई करेगी।
इससे पहले कल सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को स्पीकर से मिलने और स्पीकर को कल ही इस्तीफों पर फैसला देने को कहा था।
हालांकि शाम को स्पीकर ने कोर्ट में इसके लिए कुछ वक्त की मांग की थी।
कर्नाटक सरकार
अल्पमत में है सरकार
कर्नाटक में अब तक कांग्रेस-JD(S) गठबंधन के 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं।
सबसे पहले 6 जुलाई को 13 कांग्रेस-JD(S) विधायकों ने अपना इस्तीफा दिया था, जिसके बाद इस पूरे संकट की शुरूआत हुई थी।
इसके बाद मंगलवार को कांग्रेस के एक और बुधवार को दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।
इसके अलावा दो निर्दलीय विधायक भी सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं और सरकार अनाधिकारिक तौर पर अल्पमत में है।
राजनीतिक समीकरण
इस तरीके से भाजपा बना सकती है सरकार
अगर स्पीकर सभी 16 बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं तो कांग्रेस-JD(S) गठबंधन की सरकार के पास बस 101 विधायकों को समर्थन रह जाएगा, जिसमें एक बहुजन समाज पार्टी का विधायक भी शामिल है।
ऐसे में सरकार गिर जाएगी और भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का मौका मिल सकता है, जिसके पास 105 विधायक है।
नई परिस्थितियों में उसे बहुमत के लिए 105 विधायक चाहिए होंगे और वह खुद के दम पर सरकार बना सकती है।