पंजाब: कर्ज ने लील लिया पूरा वंश, किसान परिवार के पांचवे शख्स ने की आत्महत्या
क्या है खबर?
पंजाब के बरनाला में 40 साल पहले लिए गए कर्ज ने एक परिवार की चार पीढ़ियों को लील लिया।
बुधवार को इस परिवार की चौथी पीढ़ी के पांचवे शख्स ने विरासत में मिले कर्ज को नहीं चुका पाने के कारण आत्महत्या कर ली।
किसानों को मिलने वाली सब्सिडी पर हाय-तौबा मचाने वाले लोगों को इस परिवार की स्थिति को देखना चाहिए।
आइये, किसानों की असल परेशानी को सामने रखने वाली इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
घटना
लवप्रीत के पड़दादा ने 50 साल पहले लिया था कर्ज
यह मामला बरनाला के भोतना गांव का है। बुधवार को यहां कर्ज के बोझ तले दबे 22 वर्षीय लवप्रीत ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
लवप्रीत के पिता, दादा, दादा के भाई और पड़दादा ने कर्ज न चुका पाने के कारण आत्महत्या की थी।
लवप्रीत के परिवार में अब उनकी दादी, मां और एक बहन बची है। 50 साल पहले परिवार के पास 13 एकड़ जमीन थी, जो अब घटकर सिर्फ एक एकड़ रहे गयी है।
मामला
लवप्रीत के पड़दादा ने की थी आत्महत्या
गांव के सरपंच ने बताया कि 50 साल पहले लवप्रीत के पड़दादा जोगिंद्र सिंह ने आढ़ती से कर्ज लिया था। वो यह कर्ज चुका नहीं पाए और आत्महत्या कर ली।
इससे कर्ज का भार उनके बेटे और लवप्रीत के दादा भगवान सिंह पर आ गया।
कर्ज के बढ़ते भार के चलते उन्होंने भी 25 साल पहले आत्महत्या कर ली।
उनके बाद उनके भाई ने भी अपना जीवन समाप्त कर लिया, और कर्ज का भार लवप्रीत के पिता पर आ गया।
आत्महत्या
पिछले साल लवप्रीत के पिता ने की थी आत्महत्या
सालों से चले आ रहे इस कर्ज के आगे लवप्रीत के पिता ने भी घुटने टेक दिये।
उन्होंने पिछले साल आत्महत्या कर ली थी। यह उनके परिवार की चौथी आत्महत्या थी। अब लवप्रीत इस कर्ज का शिकार बने हैं।
लगभग रोजाना ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जहां कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्मत्याएं कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रवाद और धर्म जैसे भटकाने वाले मामलों में फंसे देश को शायद ही इनकी चिंता है।
वादा
पांच लाख का कर्ज माफ होना था, लेकिन नहीं हुआ
लवप्रीत के परिवार पर लगभग 8.5 लाख रुपये का कर्ज है। इसमें से छह लाख रुपये उन्होंने आढ़ती से और दो लाख रुपये बैंक से लिए हैं।
पंजाब में कांग्रेस सरकार के वादे के मुताबिक लवप्रीत के परिवार का पांच लाख रुपये का लोन माफ होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उनका 57,000 रुपये का लोन माफ हुआ। कांग्रेस सरकार ने किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए कर्जमाफी की बात कही थी, लेकिन यह सफल नहीं हो पा रही है।