दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन की मिक्स डोज पर मांगी केंद्र सरकार की राय
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को कोरोना महामारी के खिलाफ कोविशील्ड की पहली खुराक लेने के बाद दूसरी खुराक के रूप में कोवैक्सिन लेने की अनुमति देने वाली एक याचिका पर सुनवाई की।
इसमें हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर कोरोना वैक्सीन की मिक्स डोज (दो अलग-अलग वैक्सीनों की खुराक) पर अपनी राय देने को कहा है। इसके बाद आगे का निर्णय किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
याचिका
कैंसर रोगी ने मांगी थी दूसरी खुराक के रूप में कोवैक्सिन लगवाने की अनुमति
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अधिवक्ता मधुर मित्तल ने खुद को कैंसर रोगी बताते हुए कोरोना वैक्सीन के रूप में कोविशील्ड की पहली खुराक लेने के बाद दूसरी खुराक के रूप में कोवैक्सिन लेने की अनुमति देने की मांग की थी।
मित्तल वर्तमान में कैंसर के उपचार के तहत इम्यूनोथेरेपी ले रहे हैं। वह कैंसर के आगे के उपचार के लिए विदेश जाना चाहते हैं और इसलिए वह जल्द से जल्द वैक्सीन की दोनों खुराक लगवाना चाहते हैं।
कारण
याचिकाकर्ता ने क्यों मांगी दूसरी खुराक के रूप में अलग वैक्सीन की अनुमति?
अधिवक्ता संजय एस छाबड़ा के जरिए दायर की गई याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता मित्तल ने 13 मार्च, 2021 की कोविशील्ड के रूप में वैक्सीन की पहली खुराक ली थी।
इसके उसमें गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिले थे और उसे उपचार के लिए चार दिन तक दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था।
उस दौरान डॉक्टरों ने कोविशील्ड से गंभीर दुष्परिणाम होने को देखते हुए दूसरी खुराक के रूप में कोवैक्सिन लगवाने की सलाह दी थी।
निराशा
याचिकाकर्ता दूसरी खुराक के लिए नहीं कर पाया स्लॉट बुक
याचिका में कहा है कि डॉक्टरों की सलाह के बाद याचिकाकर्ता मित्तल ने कोविन (CoWin) वेबसाइट पर दूसरी खुराक के रूप में कोवैक्सिन लगवाने के लिए स्लॉट बुक करना चाहा, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाया।
इसका कारण है कि कोविन ऐप पर किसी व्यक्ति ने जिस वैक्सीन की पहली खुराक लगवाई है, वहीं दूसरी खुराक के रूप में उसी के लिए स्लॉट बुक कर सकता है। ऐसे में याचिकाकर्ता अभी तक भी दूसरी खुराक नहीं लगवा सका है।
आवश्यक
विदेश जाने के लिए वैक्सीन की दोनों खुराक लगवाना आवश्यक
मित्तल को कैंसर के उपचार के लिए विदेश जाना है और इसके लिए वैक्सीन की दोनों खुराकों का लगा होना आवश्यक है। इसी तरह उसके कोविशील्ड से गंभीर दुष्परिणाम को देखते हुए चिकित्सकों ने दूसरी खुराक के रूप में कोवैक्सिन की सलाह दी है।
ऐसे में सरकार को उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। याचिका में यह भी दलील दी गई है कि कई अध्ययन में मिक्स डोज अन्य वैक्सीन की तुलना में ज्यादा प्रभावी साबित हुई है।
सुनवाई
हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस रेखा पल्ली ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए मिक्स डोज पर अपनी राय देने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि पहले सरकार की राय और दलीलों को समझना जरूरी है। उसके बाद याचिका पर कोई निर्णय किया जाएगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर के लिए निर्धारित की है।
बता दें कि देश में मिस्क डोज लगवाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाए जाने का यह पहला मामला है।
अध्ययन
भारत में चल रहा है कोविशील्ड और कोवैक्सिन की मिक्स डोज पर अध्ययन
बता दें कि भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सिन की मिक्स डोज के असर की जांच के लिए अध्ययन किया जा रहा है।
इस संबंध में गत 11 अगस्त को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने दोनों वैक्सीनों की मिक्स डोज पर अध्ययन को मंजूरी दी थी।
वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में यह अध्ययन किया जा रहा है। इसमें यह परखा जाएगा कि एक ही वैक्सीन की दो खुराकों की जगह मिक्स डोज कितनी प्रभावी होती हैं।
जानकारी
मिक्स डोज का विरोध कर चुके हैं पूनावाला
बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के चेयरमैन साइरस पूनावाला वैक्सीन की मिक्स डोज का विरोध कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि ऐसा करना गलत है। इससे दोनों वैक्सीन निर्माताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो जाएगा।