टूलकिट मामला: आरोपी शांतनु को मिली अग्रिम जमानत, निकिता पर सुरक्षित रखा फैसला
किसान आंदोलन की रणनीति को लेकर बनाई गई 'टूलकिट' को सोशल मीडिया पर शेयर करने के मामले में आरोपी बनाए गए पुणे निवासी इंजीनियर और पर्यावरण कार्यकर्ता शांतनु मुलुक को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने उन्हें मामले में 10 दिन की अग्रिम जमानत दे दी है। इसी तरह मामले में दूसरी आरोपी मुंबई की वकील निकिता जैकब की याचिका पर बुधवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया।
क्या है पूरा मामला?
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने 3 फरवरी को किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने के बाद एक 'टूलकिट' शेयर की थी, जिसमें आंदोलन की जमीनी और सोशल मीडिया की आगामी रणनीति बताई गई थी। बाद में उन्होंने उसे डिलीट कर दिया। पुलिस का कहना है कि इस 'टूलकिट' को बनाने वाले भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। इस संबंध में बेंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने शांतनु और निकिता के खिलाफ भी जारी किया वारंट
मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को निकिता जैकब और शांतनु मुलुक को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। पुलिस ने उन पर खालिस्तानी समर्थकों के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा पुलिस ने यह भी कहा है कि उन्होंने गिरफ्तार आरोपी दिशा के साथ 11 जनवरी को खालिस्तानी ग्रुप की कनाडियन महिला पुनीत और काव्य न्याय फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल के साथ जूम कॉल भी की थी।
निकिता के यहां से मिले थे कई संवदेनशील सुबूत
दिल्ली पुलिस द्वारा सोमवार को बताया गया था कि 11 फरवरी को निकिता के मुंबई स्थित घर की तलाशी लेने पर दो लैपटॉप और एक आईफोन में कई संवेदनशील सबूत मिले थे। ये सभी लोग 6 दिसंबर को बनाए गए व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़े थे। दिशा ने टूलकिट को ग्रेटा को टेलीग्राम से भेजा था। पुलिस ने कहा था कि टूलकिट के संबंध में गूगल से भी अहम जानकारी जुटाई गई है। दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी।
शांतनु और निकिता ने लगाई थी अग्रिम जमानत के लिए याचिका
गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद शांतनु ने औरंगाबाद पीठ में और निकिता ने मुंबई में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। निकिता ने याचिका में कहा था कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध और मीडिया ट्रायल के कारण गिरफ्तार किया जा सकता है।
औरंगाबाद पीठ ने शांतनु को दी 10 दिन की ट्रांजिट जमानत
मामले में दोपहर में हाई कोर्ट के औरंगबाद पीठ में हुई सुनवाई में जस्टिस विभा कांकनवाड़ी ने शांतनु को 10 दिन का अग्रिम ट्रांजिट जमानत दे दी। इसके तहत शांतनु अब आगामी 10 दिन में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली में उपायुक्त अदालत में याचिका दाखिल कर सकेंगे। दूसरी ओर हाई कोर्ट की मुंबई पीठ ने निकिता की जमानत पर बुधवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है। ऐसे में उनकी परेशानी अभी भी बनी हुई है।
निकिता के मामले में दिल्ली पुलिस ने दी यह दलील
निकिता की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अधिवक्ता हितेन विनेगांवकर ने कहा कि CRPC की धारा 438 के तहत मामले में कोर्ट के पास अधिकार क्षेत्र के मामलों में ट्रांजित जमानत देने का अधिकार नहीं है। इस संबंध में उन्होंने कोर्ट के पिछले कई फैसले भी प्रस्तुत किए। इसके बाद जस्टिस पीडी नाइक ने मामले के अध्ययन के लिए याचिका पर फैसले को बुधवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
दिल्ली पुलिस ने निकिता पर लगाए फरार होने के आरोप
कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि निकिता पुलिस के घर पहुंचने से पहले ही फरार हो गई। इसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल कर दी। निकिता के वकील ने कहा कि वह फरार नहीं हुई थी और उन्होंने पुलिस का सहयोग भी किया। इसी कारण पुलिस ने उनका लैपटॉप और मोबाइल साथ ले जा सकी। उन्होंने कहा कि निकिता के पास दर्ज FIR की प्रति नहीं होने से उन्हें अग्रिम जमानत का अधिकार है।