नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में होगी देरी, अब 2025 में शुरू हो सकेगी उड़ान
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में देरी हो सकती है। यहां से 2024 के अंत तक उड़ान शुरू होने की संभावना नहीं है।
हवाई अड्डे के निर्माण में हो रही देरी को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने 28 जून को हवाई अड्डा स्थल पर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।
इसमें ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और टाटा प्रोजेक्ट के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
उड़ान
2024 के अंत तक शुरू होनी थी उड़ान
जेवर हवाई अड्डे के नाम से मशहूर इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सितंबर, 2024 के अंत तक शुरू करने की योजना थी, लेकिन निर्माण कार्य में देरी की वजह से काम 6 महीने आगे बढ़ सकता है।
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी और यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (YIAL) से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अब उड़ान अप्रैल, 2025 तक शुरू होने की संभावना है।
निर्माण में देरी की मुख्य वजह स्टील की आपूर्ति में बाधा बताई जा रही है।
निर्माण कार्य
कितना हो चुका है काम?
निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारियों की मानें तो हवाई अड्डे का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि शेष कार्य 6 महीने में पूरा किया जाना था।
यहां हवाई पट्टी, एयर कंट्रोल टावर, अग्निशमन कार्य, बिजली फीटिंग, इंटीनियर डिजाइन और विमान बचाव कार्य से जुड़ा काम पूरा किया जाना है।
हवाई अड्डा प्राधिकरण कम से कम 6 महीने हवाई परीक्षण करने के बाद ही वाणिज्यिक परिचालन की अनुमति देता है। ऐसे में सिंतंबर में उड़ान शुरू होना मुश्किल है।
कंपनी
ज्यूरिख की कंपनी का क्या है रोल?
नोएडा हवाई अड्डे की आधारशिला नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।
हवाई अड्डे का डिज़ाइन स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख हवाई अड्डे से प्रेरित है और इसका निर्माण ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल कर रही है।
यह कंपनी दुनिया में 10 हवाई अड्डों का प्रबंधन करती है, जिनमें स्विट्जरलैंड का ज्यूरिख, भारत में नोएडा हवाई अड्डा और लैटिन अमेरिका में 8 अन्य शामिल हैं।
काम में देरी होने पर ज्यूरिख इंटरनेशनल पर 10 लाख रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लग सकता है।
खासियत
क्या है नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की खासियत
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रतिवर्ष 1.20 करोड़ यात्रियों को संभालने और 96,400 उड़ानों का प्रबंधन करने की उम्मीद है।
हवाई अड्डे का निर्माण उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जेवर में 1,334 हेक्टेयर में किया जा रहा है।
यह दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतररराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 72 किलोमीटर, नोएडा से 52 किलोमीटर और आगरा से 130 किलोमीटर दूर है।
यह उत्तर प्रदेश का 5वां हवाई अड्डा है। पहले चरण में 10,050 करोड़ रुपये की लागत आएगी।