हवाई अड्डों पर दिव्यांग यात्रियों को मिलेगी बेहतर सुविधा, सरकार ने जारी की मसौदा गाइडलाइंस
क्या है खबर?
देश के हवाई अड्डों पर अब दिव्यांग यात्रियों को पहले की तुलना में बेहतर सुविधा मिलेगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दिव्यांग यात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए मंगलवार को नई मसौदा गाइडलाइंस जारी की है।
इसके तहत अब हवाई अड्डा संचालकों को विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग के लिए विशेष व्यवस्था करनी होगी। इसमें यात्री की गरिमा और गोपनीयता का पूरी तरह से ध्यान रखा जाएगा। ताकि, उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
पृष्ठभूमि
अभिनेत्री सुधा चंद्रन ने प्रधानमंत्री मोदी से की थी अपील
बता दें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में अभिनेत्री और डांसर सुधा चंद्रन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हवाईअड्डों पर विकलांग यात्रियों को बेहतर सुविधा देने की मांग की थी।
उन्होंने कहा था, "यह हमारे प्रधान मंत्री के लिए एक बहुत ही व्यक्तिगत नोट है। मैं एक अभिनेत्री और पेशे से डांसर सुधा चंद्रन हूं और मैने कृत्रिम अंग के साथ नृत्य कर इतिहास बनाया है। मेरे देश को मुझ पर बहुत गर्व है।"
परेशानी
सुधा चंद्रन ने यह बताई थी परेशानी
सुधा चंद्रन ने अपने वीडियो में कहा था, "हर बार जब मैं अपनी पेशेवर यात्राओं पर जाती हूं तो हमेशा मुझे हवाई अड्डे पर रोक दिया जाता है। इस दौरान जब भी मैं केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के अधिकारियों से सुरक्षा जांच में रियायत देते हुए मेरे कृत्रिम अंग नहीं हटाने की कहती हूं तो वो नहीं मानते हैं।"
उन्होंने कहा, "CISF अधिकारी विस्फोटक ट्रेस डिटेक्शन (ETD) के लिए मुझे कृत्रिम अंग निकालने के लिए मजबूर करते हैं।"
परिणाम
सरकार ने जारी की नई मसौदा गाइडलाइंस
इस मामले को लेकर अब सरकार ने नई मसौदा गाइडलाइंस जारी कर दी है। इसके तहत हवाईअड्डा संचालकों को दिव्यांग यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए ताकि प्रक्रिया को उनकी गरिमा और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए कुशलतापूर्वक पूरा किया जा सके।
इसी तरह प्रोस्थेटिक्स की स्क्रीनिंग के दौरान CISF जवान हवाईअड्डे की सुरक्षा के लिए एक्स-रे, ETD का उपयोग उनकी आवश्यकता के अनुसार कर सकते हैं।
जांच
कृत्रिम उपकरणों को हटाए बिना की जा सकती है जांच
नई मसौदा गाइडलाइंस के अनुसार, कृत्रिम अंग वाला यात्री पहले डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरेगा और फिर उसे एक निजी जांच स्थल पर बैठाया जाएगा। इसके बाद उन्हें पैट-डाउन सहित अतिरिक्त स्क्रीनिंग सुविधा दी जाएगी।
इसी तरह बिना फोम पैडिंग वाले कृत्रिम उपकरण और जिसमें स्टील रॉड स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है, केवल दृश्य निरीक्षण और ETD जांच द्वारा इसे हटाए बिना जांच प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
जांच
फोन पैडिंग वाले कृत्रिम उपकरणों की होगी एक्स-रे स्क्रीनिंग
मसौदा गाइडलाइंस के अनुसार, दुर्लभ मामलों में यात्री की प्रोफाइलिंग सहित पर्याप्त औचित्य के आधार पर एक्स-रे स्क्रीनिंग का सहारा लिया जा सकता है।
इसके तहत प्रोस्थेटिक उपकरण जो फोम पैडिंग में ढके हुए हैं और जिनमें स्टील रॉड दिखाई नहीं दे रही है, उन्हें एक्स-रे स्क्रीनिंग से गुजरना होगा।
इसी तरह इंसुलिन पंप, श्रवण यंत्र, कर्णावत प्रत्यारोपण, रीढ़ की हड्डी के विकास उत्तेजक सहित बाहरी उपकरण एक्स-रे स्क्रीनिंग में नहीं हटाए जा सकेंगे।
अन्य
दिव्यांगों के लिए काम ली जानी चाहिए लो फ्लोर या रैंप
मसौदा गाइडलाइंस के अनुसार, यदि कोई यात्री हवाईअड्डे पर व्हीलचेयर चेक-इन करना चाहता है, तो एयरलाइन को यह सुनिश्चित करना होगा कि व्हीलचेयर पर विधिवत कर लगाया गया है।
इसी तरह व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं की आरामदायक बोर्डिंग या डिबोर्डिंग के लिए एक लो फ्लोर कोच या रैंप का उपयोग किया जाना चाहिए।
एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नए कर्मचारियों के लिए एक दिव्यांग जागरूकता प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित करना चाहिए।