कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की विशेषताएं क्या हैं, जिसका प्रधानमंत्री ने किया उद्घाटन?
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर जाने की सुविधा देने के लिए उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बनाए गए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन कर दिया। इसके साथ ही कुशीनगर अब दुनिया में बौद्ध धर्म का पालन करने वाले देशों सहित अन्य देशों से सीधा जुड़ गया है। इससे उत्तर प्रदेश और बिहार के यात्रियों को आवागमन की सुविधा मिल सकेगी। यहां जानते हैं इस हवाई अड्डे की विशेषताएं।
यहां देखें कुशीनगर हवाई अड्डे के उद्घाटन से जुड़ी तस्वीरें
कुशीनगर में 1945-46 में बनी थी पहली हवाई पट्टी
बता दें कि कुशीनगर एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है, जहां भगवान गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। इसके सामरिक महत्व को देखते हुए ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1945-46 में यहां सबसे पहले हवाई पट्टी बनाई गई थी। उसके बाद 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने हवाई पट्टी के जिर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया और अगले ही महीने तत्कालीन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री गुलाम नबी आजाद ने इसके टर्मिनल का शिलान्यास कर दिया।
प्रयासों के बाद भी सिरे नहीं चढ़ पाई योजना
साल 2008 में मुख्यमंत्री मायावती ने कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का वादा किया और मार्च 2010 को जमीन अधिग्रहण का अध्यादेश जारी किया, लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ी। इसके बाद 2013 में सपा सरकार ने हवाई अड्डा के निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित, कोई प्रगति नहीं हुई। इसके बाद साल 2014 में सपा सरकार ने 163 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया और मई 2015 में जमीन एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया (AAI) को दी गई।
भाजपा सरकार की रुचि से लगे योजना को पंख
साल 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार ने इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने में गहरी रुचि दिखाई। कई प्रयासों के बाद ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए 5 मार्च, 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार और AAI के बीच MOU हुआ। 10 अक्तूबर, 2019 को प्रदेश सरकार ने इसे AAI को हैंडओवर कर दिया। 24 जून, 2020 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित कर 22 फरवरी, 2021 को DGCA लाइसेंस भी दे दिया।
क्या है कुशीनगर हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई?
इंडिया टुडे के अनुसार, 260 करोड़ रुपये की लागत से 590 एकड़ क्षेत्र में बना कुशीनगर हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई है। यह प्रदेश का सबसे लंबा रनवे वाला हवाई अड्डा है। इसके रनवे की लंबाई 3.2 किमी और चौड़ाई 45 मीटर है। इसी तरह इसके एप्रन पर एक बार में चार बड़े हवाई जहाज खड़े हो सकते हैं। इसके रनवे की क्षमता आठ फ्लाइट (चार आगमन और चार प्रस्थान) प्रति घंटा की है।
कितनी है कुशीनगर हवाई अड्डे की प्रति घंटे यात्री क्षमता?
हवाई अड्डे में विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं। 17.5 करोड़ रुपये की लागत से बना आठ मंजिला एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टॉवर पूरी तरह से चालू हो गया है, जबकि सुरक्षित लैंडिंग और उड़ानों के टेक-ऑफ के लिए नेविगेशन सिस्टम ट्रायल को सफलतापूर्वक पास कर लिया है। इसका यात्री पैसेंजर टर्मिनल 3,600 वर्गमीटर में बना है और इसकी पीक ऑवर यात्री क्षमता 300 यात्री प्रति घंटे हैं। इसके क्रियाशील होने के साथ ही तेजी से पर्यटन विकास भी होगा।
कुशीनगर हवाई अड्डे से आसान होगी भारत में बौद्ध सर्किट की यात्रा
कुशीनगर हवाई अड्डा दक्षिण एशियाई देशों से सीधे तौर पर जुड़ेगा। इससे पर्यटकों, विशेष रूप से बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए भारत में बौद्ध सर्किट की अपनी यात्रा को पूरा करना आसान हो जाएगा। इस हवाईअड्डे के खुलने से श्रीलंका, जापान, चीन, थाईलैंड, ताइवान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और वियतनाम के यात्री बहुत कम समय में आसानी से भारत स्थिति बौद्ध तीर्थ स्थल सारनाथ, श्रावस्ती, बोधगया, लुंबिनी, वैशाली, राजगीर, केसरिया और संकिसा की यात्रा कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
कुशीनगर हवाई अड्डा के संचालन से न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे किसान, पशुपालकों, छोटे बिजनेसमैन आदि को भी फायदा होगा और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा क्षेत्र के उत्पादों को वैश्विक पहचान मिलने का मार्ग भी खुलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने बौद्ध धर्म के अनुयायियों को समर्पित किया हवाई अड्डा
हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध से ज्ञान लेकर महापरिनिर्वाण तक की सम्पूर्ण यात्रा का साक्षी कुशीनगर अब पूरी दुनिया से जुड़ गया है। श्रीलंकन एयरलाइंस के विमान का उतरना इस पुण्य भूमि को नमन करने जैसा है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सिर्फ भारत के बौद्ध धर्म अनुवायियों के लिए ही नहीं, बल्कि श्रीलंका, कम्बोडिया, सिंगापुर सहित बहुत से देशों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र बनने जा रहा है।
श्रीलंका से बौद्ध भिक्षुओं को लेकर कुशीनगर हवाई अड्डे पर पहुंचा पहला विमान
कुशीनगर हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ ही श्रीलंका से बौद्ध भिक्षुओं को लेकर आया पहला अंतरराष्ट्रीय विमान भी वहां पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के कैबिनेट मंत्री नमल राजपक्षे को भगवद गीता का सिंहली संस्करण भेंट कर स्वागत किया।