डीपफेक को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, बुलाई सोशल मीडिया और इंटरनेट कंपनियों की बैठक
डीपफेक के जोखिम पर चर्चा के लिए केंद्र सरकार ने 24 नवंबर को यूट्यूब, फेसबुक और गूगल समेत तमाम सोशल मीडिया और इंटरनेट कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक बुलाई है। इंडिया टुडे के मुताबिक, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि बैठक में बताया जाएगा कि सरकार डीपफेक को लेकर कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा कि अगर सोशल मीडिया मंच डीपफेक नहीं हटाते हैं तो उन पर कार्रवाई होगी।
आपत्तिजनक सामग्री न हटाने पर शिकायत कर सकता है पीड़ित
चंद्रशेखर ने बताया कि सूचना मिलने के 36 घंटे के अंदर मंच अपनी साइट से डीपफेक से जुड़ी सामग्री हटा देते हैं तो उन पर कार्रवाई नहीं होगी। सामग्री को न हटाने पर पीड़ित कोर्ट जाकर भारतीय दंड संहिता (IPC) या सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करा सकता है। उन्होंने बताया कि IT अधिनियिम में जो नए संशोधन हुए हैं, उसमें ऑनलाइन मंच डीपफेक या गलत सूचना नहीं चला सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हो चुके हैं डीपफेक का शिकार
डीपफेक वीडियो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके बनाया जाता है। इसमें साइबर अपराधी किसी व्यक्ति की आवाज और चेहरे को किसी दूसरे व्यक्ति के वीडियो के साथ जोड़ देते हैं, जो देखने में बिल्कुल असली लगता है। पिछले दिनों अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो भी इसी तरह बनाया गया था, जिसमें किसी दूसरी लड़की के वीडियो में उनका चेहरा लगा दिया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी गरबा करते दिखाया गया था।