किसान आंदोलन के दौरान ट्विटर को दिया गया था नोटिस, सरकार ने संसद में दी जानकारी
क्या है खबर?
पिछले महीने ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व कार्यकारी निदेशक (CEO) जैक डॉर्सी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत सरकार ने ट्विटर को किसान आंदोलन के दौरान सरकार की आलोचना करने वाले खातों को ब्लॉक करने के आदेश दिया था।
अब केंद्र सरकार ने आंशिक रूप से इस बात को स्वीकार किया है। शुक्रवार को संसद में सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बात की जानकारी दी है।
बयान
सरकार ने संसद में क्या कहा?
चंद्रशेखर ने संसद में बताया कि सरकार ने 27 जून, 2022 को ट्विटर को नोटिस जारी किया था। इसमें स्थानीय कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करने की बात कही गई थी। अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उसे IT अधिनियम, 2000 के तहत 'महत्वपूर्ण परिणाम' भुगतने होंगे।
उन्होंने ये भी कहा कि नोटिस के बाद ट्विटर ने IT अधिनियम की धारा 69 A के तहत जारी किए गए सभी निर्देशों का अनुपालन किया।
धमकी
सरकार ने धमकी की बातों से इनकार किया
जैक डॉर्सी ने कहा था कि केंद्र सरकार ने कार्यालय बंद करवाने और छापे मारने की धमकी दी थी। हालांकि, चंद्रशेखर ने इन आरोपों को नकारा है।
उन्होंने कहा ट्विटर को छापेमारी करने या उसके कार्यालयों को बंद करने की धमकी नहीं दी गई। सरकार ने खातों के डेटा मांगे जाने के आरोपों को भी खारिज किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने ये निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सामग्री हटाने वाले IT अधिनियम की धारा के तहत लिया था।
संसद
चंद्रशेखर ने कहा था- लगातार कानून तोड़ रहा था ट्विटर
डॉर्सी के इंटरव्यू के बाद चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा था कि डॉर्सी सरासर झूठ बोल रहे हैं और ये ट्विटर के इतिहास के बेहद संदिग्ध दौर को खारिज करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा था, 'ट्विटर और उनकी टीम भारत के कानून का बार-बार उल्लंघन कर रही थी। वास्तव में वे 2020 से 2022 तक बार-बार कानून का अनुपालन नहीं कर रहे थे और जून 2022 में ही आखिरकार उन्होंने इसका अनुपालन किया था।'
आरोप
जैक डॉर्सी ने क्या आरोप लगाए थे?
डॉर्सी ने कहा था कि सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान उन्हें ट्वीट्स हटाने को कहा था और ऐसा न करने पर ट्विटर को बंद करने की धमकी दी थी।
उन्होंने दावा किया कि आंदोलन के दौरान उनसे कई ऐसे भारतीय पत्रकारों के अकाउंट बंद करने के लिए कहा गया था, जो सरकार के आलोचक थे।
उन्होंने कहा था कि ऐसा न करने पर सरकार ने उन्हें ट्विटर को बंद करने और कर्मचारियों पर छापा मारने की धमकी दी थी।