उत्तरकाशी सुरंग हादसा: अंदर फंसे मजदूरों का वीडियो आया सामने, पहली बार भेजा गया गर्म खाना
क्या है खबर?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का पहला वीडियो मंगलवार सुबह सामने आया।
इसके साथ ही सोमवार को सफलतापूर्वक 6 इंच की चौड़ी पाइपलाइन डाली गई, जिसके जरिए मजदूरों के लिए खाना और पानी भी भेजा गया।
इसी पाइप में एंडोस्कोपिक कैमरे का उपयोग करके अंदर फंसे मजदूरों का वीडियो लिया गया है।
मजदूरों के परिजनों ने अपनों की स्थिति देखने के बाद राहत की सांस ली है।
पाइप
मजदूरों को पाइप के जरिए भेजी गई गरम खिचड़ी
6 इंच के पाइप के जरिए मजदूरों के लिए पहली बार गर्म खिचड़ी भेजी गई। जल्द ही उन्हें दलिया और अन्य सामग्री भेजी जाएगी।
इससे पहले मजदूरों को 4 इंच की पाइप से मदद पहुंचाई जा रही थी।
नए पाइप के जरिए कैमरे से जो वीडियो लिया गया है, उसमें मजदूर पीले और सफेद हेलमेट पहने हुए दिखाई दे रहे हैं।
मजदूर एक-दूसरे से बातचीत करते हुए देखे जा सकते हैं। मजदूरों को फोन और चार्जर भेजा गया है।
ट्विटर पोस्ट
देखें वीडियो
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel collapse: Rescue workers try to make contact with the trapped workers through walkie-talkie pic.twitter.com/mCr5VRfSi0
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 21, 2023
परिवार
मजदूरों के परिजनों को जगी उम्मीद, दुख से नहीं मना सके कोई त्योहार
मजदूरों के परिवारों के लिए ये किसी बड़ी राहत से कम नहीं कि उनके अपने सुरक्षित हैं और वो उन्हें देख सकते हैं।
बिहार के बांका के मजदूर वीरेंद्र किस्कू के भाई ने कहा, "नितिन गडकरी ने हमें बताया कि बचाव कार्य ढाई दिनों में पूरा हो जाएगा। हमारी उम्मीदें टूट रही थीं। अब हम उन्हें देख सके। वीरेंद्र फोटो में नहीं हैं, लेकिन हमारी उम्मीदें अब मजबूत हो रही हैं। हम दिवाली और छठ नहीं मना सके।"
राहत
NHIDCL ने बताया पहली बड़ी सफलता, जल्द ही निकाले जाएंगे मजदूर
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने इसे अब तक की पहली सफलता बताई है ।
उन्होंने कहा, "हमने पाइप को मलबे के दूसरी तरफ 53 मीटर दूर भेज दिया है और फंसे हुए मजदूर हमें सुन और अनुभव कर सकते हैं।"
उनके सहयोगी कर्नल दीपक पाटिल ने कहा ने कहा, "पहली उपलब्धि, बड़ी उपलब्धि। अगला कदम अधिक सबसे महत्वपूर्ण है और वह है उन्हें (मजदूरों को) सुरक्षित और सकुशल बाहर निकालना।"
DRDO
DRDO के ड्रोन और रोबोट तैनात, 2 बजे से शुरू हो सकती है वर्टिकल ड्रिलिंग
सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए अन्य वैकल्पिक मार्गों की तलाश के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ड्रोन और रोबोट तैनात कर दिए हैं।
मलबे और सुरंग की स्थिति जानने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण का प्रयास किया गया था, लेकिन यह असफल रहा।
मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अधिकारी मंगलवार दोपहर से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर सकते हैं। सिल्कयारा छोर से दोपहर 2 बजे वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है।
बचाव अभियान
बचाव अभियान किया गया तेज
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) सहित सभी एजेंसियों ने बचाव अभियान को और तेज कर दिया है। बारकोट-छोर से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है।
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी बचाव प्रयासों की समीक्षा के लिए आपदा स्थल पर पहुंच चुके हैं। वह जिनेवा स्थित इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के प्रमुख हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बचाव दल के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
फंसे
पिछले 10 दिनों से सुरंग में फंसे हैं मजदूर
12 नवंबर की सुबह लगभग 5:00 बजे भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसके कारण 8 राज्यों के 41 मजदूर सुरंग में अंदर फंस गए।
मजदूरों को बचाने के लिए सोमवार को सुरंग में 5 तरफ से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गई।
मजदूरों को बचाने में अलग-अलग एजेंसियां लगी हुई हैं। उनके लिए प्रार्थनाएं भी हो रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री धामी से लगातार जानकारी ले रहे हैं।