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कोरोना वायरस: क्या ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.2 से डरने की जरुरत है?
क्या ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.2 से डरने की जरुरत है?

कोरोना वायरस: क्या ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.2 से डरने की जरुरत है?

Feb 05, 2022
06:35 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण महामारी की चौथी लहर से जूझ रही दुनिया को अब इसके सब-वेरिएंट BA.2 ने चिंता में डाल दिया है। वर्तमान में यह 57 से अधिक देशों में पहुंच चुका है और इसके मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसे मूल वेरिएंट की तुलना में और भी अधिक संक्रामक बताया जा रहा है। हालांकि, इसके गंभीर परिणाम सामने नहीं आए हैं। आइए जानते हैं कि क्या इससे डरने की जरूरत है?

सवाल

कितना संक्रामक है BA.2 सब वेरिएंट?

TOI के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम (UK) के वैज्ञानिकों BA.2 को लेकर 8,500 परिवारों पर अध्ययन किया था। इसके अनुसार यह सब वेरिएंट मूल ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है। दिसंबर से जनवरी के बीच किए गए अध्ययन में सामने आया कि BA.2 से संक्रमित लोगों ने वायरस को औसतन 39 प्रतिशत परिवार के सदस्यों तक पहुंचाया, जबकि ओमिक्रॉन में यह स्थिति 29 प्रतिशत की रही है। वर्तमान में डेनमार्क में इसका अधिक प्रकोप है।

समय

न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)

जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना वायरस केे अन्य वेरिएंटों की तुलना में प्लास्टिक सतह पर सबसे अधिक 193.5 घंटे तक जीवित रहता है। इसी तरह यह त्वचा पर 21.1 घंटे तक त्वचा पर जीवित रहता है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि इसके सब वेरिएंट भी इतने समय या इससे अधिक समय तक प्लास्टिक और त्वचा पर जीवित रह सकते हैं।

खतरा

क्या ओमिक्रॉन की तुलना में ज्यादा खतरनाक है BA.2?

अध्ययन के अनुसार, ओमिक्रॉन और उसके सब वेरिएंटों में गंभीर बीमारी पैदा करने की संभावना कम दिखाई देती है, खासकर वैक्सीन लगवा चुके लोगों में इसका बहुत कम असर होता है। पिछले सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा था कि डेनमार्क की स्थिति के आधार पर BA.2 मूल वेरिएंट से अधिक गंभीर नहीं है। यही कारण है कि डेनमार्क सरकार ने संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद भी कोरोना महामारी को खतना मानने से इनकार किया था।

जानकारी

BA.2 के बारे में सबसे चिंताजनक बात क्या?

BA.2 सब-वेरिएंट से संंबंधित सबसे चिंतनीय बात ये है कि ये RT-PCR टेस्ट को कुछ हद तक मात देने में कामयाब रहता। वेरिएंट में हुए बदलाव के कारण ऐसा हुआ है और इसलिए इसके प्रसार का वास्तविक अंदाजा लगाना कठिन है।

भिन्नता

ओमिक्रॉन के मूल वेरिएंट से कितना अलग है BA.2

कोरोना वायरस का नया वेरिएंट पहले की तुलना में एक सीमित क्षेत्र में अपना प्रभाव दिखा रहा है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका, डेनमार्क, भारत और इंग्लैंड जैसे देशों में यह काफी तेजी से फैल रहा है। BA.2 के स्पाइक क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन सहित कुछ 40 म्यूटेशन काफी अलग हैं। इससे उनके व्यवहार में बदलाव आ रहा है। शोधकर्ताओं के अनुसार, वैक्सीनेश लगवा चुके लोगों को ओमिक्रॉन और उसके सब वेरिएंट काफी कम मात्रा में प्रभावित करते हैं।

वैक्सीन

BA.2 के खिलाफ कितनी प्रभावी है वैक्सीन?

UK के अध्ययन में सामने आया है कि कुछ वैक्सीन पिछले वेरिएंट की तुलना में ओमाइक्रोन के संक्रमण को रोकने में कम प्रभावी हैं। हालांकि, सभी वैक्सीन लोगों को गंभीर रूप से बीमार होने से बचा रही है। अध्ययन के शोधकर्ताओं ने कहा है कि सब वेरिएंट और भी अधिक संक्रामक दिख रहे हैं, लेकिन वैक्सीन विशेष रूप से बूस्टर डोज BA.2 के खिलाफ खासी प्रभावी है। वैक्सीन की दूसरी खुराक के बाद संक्रमण 13 प्रतिशत तक कम होता है।

परिणाम

महामारी को कहां ले जाएगा BA.2 सब वेरिएंट?

वैज्ञानिक अभी BA.2 को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश कर रहे हैं और कुछ का मानना ​​​​है कि यह सब वेरिएंट महामारी को लम्बा खींच सकता है। फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर के कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञानी ट्रेवर बेडफोर्ड ने 28 जनवरी को ट्वीट किया था, 'सब वेरिएंट की विशेषताओं से ओमिक्रॉन का जीवन चक्र लंबा हो सकता है। अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ सकती है और कम वैक्सीनेशन वाले देशों के लिए परेशानी हो सकती है।

संक्रमण

भारत और दुनिया में क्या है कोरोना संक्रमण की स्थिति?

भारत में बीते दिन संक्रमण के 1,27,952 नए मामले सामने आए और 1,059 मरीजों की मौत हुई। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 4,20,80,664 हो गई है। इनमें से 5,01,114 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह दुनियाभर में अब तक 39.05 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 57.25 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 7.63 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 9.02 लाख लोगों की मौत हुई है।