पूर्वी लद्दाख: भारतीय सेना ने तैनात किए टैंक और बख्तरबंद वाहन, किया विशेष युद्धाभ्यास
भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में सिंधु नदी को पार करने और दुश्मन के ठिकानों पर हमले के लिए बड़ी संख्या में टैंक और बख्तरबंद वाहन तैनात किए हैं। इसी क्रम में शनिवार को सेना ने अपने टैंकों के साथ सिंधु नदी को पार करने का अभ्यास किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय सेना के विशेष अभ्यास में सिंधु नदी को पार करने के अभ्यास में T-90, T-72 टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहन शामिल रहे।
भारतीय सेना ने 16,000 फीट की ऊंचाई पर किया युद्धाभ्यास
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, भारतीय सेना दुनिया की उन चुनिंदा सेनाओं में से एक है जो 16,000 फीट तक की ऊंचाई पर और बड़ी संख्या में टैंकों का संचालन करती है। सेना के अधिकारियों ने कहा, "इस तरह के अभ्यास आकस्मिक परिस्थितियों की तैयारी के लिए किए जाते हैं। जहां उन्हें इस क्षेत्र में घाटियों के मार्गों का उपयोग करके भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा करने की कोशिश करने पर विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होती है।"
चीन नियंत्रित तिब्बती क्षेत्र से बहती है सिंधु नदी
बता दें कि सिंधु नदी पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले पूरे लद्दाख सेक्टर के माध्यम से चीनी सेना द्वारा नियंत्रित तिब्बती क्षेत्र से बहती है। यह दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक है।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच सैन्य गतिरोध जारी
पिछले कुछ सालों से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर सैन्य गतिरोध जारी है। सीमा पर चीनी सेना की बढ़ती आक्रामकता के कारण भारतीय सेना भी यहां आपातकालीन स्थितियों से निपटने के साथ-साथ पारंपरिक अभियानों को अंजाम देने के लिए पूर्वी लद्दाख सेक्टर में लगातार नए हथियार और क्षमताएं जोड़ रही है। भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में बड़ी संख्या में अत्याधुनिक हथियारों से लैस टैंक और बख्तरबंद वाहन तैनात किये हैं।
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भारत में बनी है 'धनुष होवित्जर' तोप
हाल में भारतीय सेना अपने तोपों के बेड़े में 'धनुष होवित्जर' को शामिल किया है, जिसे बोफोर्स तोप की प्रौद्योगिक हस्तांतरण के आधार पर 'मेक इन इंडिया' योजना के तहत जबलपुर में बनाया गया है। आर्टिलरी रेजीमेंट के कैप्टन वी मिश्रा ने कहा, "धनुष होवित्जर तोप 48 किलोमीटर तक सटीकता के साथ लक्ष्य पर समुद्र तल से 4,000 मीटर से ऊपर निशाना लगाने की क्षमता रखता है। इसे पिछले साल ही पूर्वी लद्दाख सेक्टर में शामिल किया गया है।"
भारत-चीन के बीच 2020 से LAC में बना हुआ है तनाव
पूर्व लद्दाख में भारत-चीन के बीच अप्रैल, 2020 से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तनाव बना हुआ है। तब चीन ने पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में घुसपैठ कर दी थी। उसकी इस हरकत के बाद गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं और 15 जून, 2020 को गलवान में तनाव हिंसा में बदल गया। इस खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए तो कई चीनी सैनिकों भी मारे गए थे।