भारत और चीन के बीच 12वें दौर की सैन्य वार्ता में भी नहीं निकला कोई समाधान
क्या है खबर?
भारत और चीन के बीच 12वें दौर की सैन्य वार्ता भी असफल साबित हुई और इसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे विवाद का कोई समाधान नहीं निकला। कॉर्प्स कमांडर स्तर की ये वार्ता चुशूल-मोल्डो बॉर्डर पर भारत की तरफ हुई।
बैठक में दोनों पक्ष विवाद के जल्द से जल्द गतिरोध समाप्त करने पर सहमत हुए। इसके अलावा उनमें गतिरोध के समाधान तक LAC पर शांति बनाए ऱखने पर भी सहमति बनी।
पृष्ठभूमि
पिछले साल 5 मई से बना हुआ है LAC पर तनाव
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पिछले साल 5 मई से पूर्वी लद्दाख में LAC पर तनाव बना हुआ है।
पैंगोंग झील से शुरू हुआ यह विवाद गलवान घाटी, गोगरा पोस्ट और हॉट स्प्रिंग आदि इलाकों तक फैल गया था। गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे।
तब से दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
पृष्ठभूमि
फरवरी में शुरूआती डिसइंगेजमेंट के बाद चीन ने की वादाखिलाफी
बातचीत में पहली सफलता इस साल फरवरी में मिली थी जब दोनों देशों के बीच पैंगोंग झील के दोनों किनारों, उत्तरी और दक्षिणी, पर सैनिक पीछे हटाने का समझौता हुआ था।
इस समझौते के तहत दोनों देशों ने सेनाएं पीछे हटा भी ली थीं, लेकिन इसके बाद चीन ने वादाखिलाफी करते हुए हॉट स्प्रिंग औऱ गोगरा से सेना हटाने से इनकार कर दिया।
उसने पूर्वी लद्दाख की कई जगहों पर अपनी स्थिति को फिर से मजबूत भी कर लिया है।
वादाखिलाफी
चीन ने कई जगहों पर मजबूत की है अपनी स्थिति
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अक्साई चिन के उत्तर में स्थित कांगक्सिवर में स्थायी अड्डे तैयार कर लिए हैं।
चीन ने कुछ विवादित इलाकों में पक्के ठिकाने और सैन्य इमारतों का निर्माण भी किया है जिससे दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ सकता है।
खुफिया अनुमान के मुताबिक, चीन ने रुडोक और कांगक्सिवर पर पहले से स्थायी तौर पर तैनात 10,000 सैनिकों के अलावा 10,000 अतिरिक्त सैनिकों को अस्थायी तौर पर तैनात किया है।
भारत का जवाब
भारत ने भी सीमा पर भेजे हैं 50,000 अतिरिक्त सैनिक
चीन की इस चालबाजी से भारत सतर्क हो गया और अब उसने भी अतिरिक्त सैनिक सीमा पर भेज दिए हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने चीन से लगती अपनी सीमा पर 50,000 अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इससे भारत को जरूरत पड़ने पर चीन पर हमला करने और जमीन पर कब्जा करने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, अब सीमा पर भारत के लगभग दो लाख सैनिक हो गए हैं।