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कनाडा के आरोपों से बढ़ा विवाद, भारत ने किया उच्चायुक्त और राजनयिकों को बुलाने का फैसला
भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया

कनाडा के आरोपों से बढ़ा विवाद, भारत ने किया उच्चायुक्त और राजनयिकों को बुलाने का फैसला

Oct 14, 2024
08:08 pm

क्या है खबर?

खाल‍िस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्या के बाद से कनाडा की बेतुकी बयानबाजी पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है। दरअसल, कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने एक राजनयिक पत्र के जरिए भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और राजनयिकों पर एक मामले की जांच में रुचि दिखाने का आरोप लगाया था। हालांकि, सोमवार को भारत ने उसे सिरे से खारिज कर दिया।

प्रकरण

कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त पर लगाया था यह आरोप

कनाडा सरकार ने भारत को भेजे पत्र में लिखा था, 'कनाडा में एक मामले की जांच में भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों ने बिना वजह अपनी रुचि दिखाई है। ऐसे में सरकार ने उन्हें जांच के दायरे में माना है।' इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा था, 'भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को दृढ़ता से खारिज करती है और इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे के लिए जिम्मेदार ठहराती है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।'

तलब

भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को किया तलब

इस मामले में सरकार ने शाम को भारत में कनाडा के उच्चायुक्त तलब कर मामले में विस्तृत चर्चा की है। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब कर बताया गया कि कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों और अधिकारियों को आधारहीन बातों पर निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उग्रवाद और हिंसा के माहौल में ट्रूडो सरकार के कार्यों ने उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।"

फैसला

भारत वापस बुलाएगा अपने उच्चायुक्त और राजनयिक

विदेश मंत्रालय ने कहा, "कनाडा के उच्चायुक्त को बताया गया है कि कनाडा की मौजूदा सरकार हमारे अधिकारियों को सुरक्षा नहीं दे सकती है। इसलिए, भारत सरकार ने अपने उच्चायुक्त और उन सभी राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है, ज‍िन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।" मंत्रालय ने कहा, "भारत के खिलाफ उग्रवाद, हिंसा और अलगाववाद के लिए ट्रूडो सरकार के समर्थन के जवाब में भारत आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।"