सरकार की 8 लाख इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने की योजना, कितने साल का है लक्ष्य?
भारत सरकार अगले 7 सालों में 8 लाख डीजल बसों या सड़क पर चलने वाली एक तिहाई बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदलने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साथ टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल सार्वजनिक परिवहन की सुविधा को बढ़ावा देना है। इसी को देखते हुए सरकार ने 16 अगस्त को PM-ईबस सेवा योजना शुरू की थी और पहले चरण में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के माध्यम से 10,000 इलेक्ट्रिक बसें शामिल की हैं।
2027 तक 50,000 इलेक्ट्रिक बसें तैनात करने का लक्ष्य
इकोनॉमिक टाइम्स ने 7 साल में 8 लाख इलेक्ट्रिक बस संचालित करने की जानकारी दी है, जबकि पिछले महीने जानकारी आई थी कि 2027 तक देश में 50,000 इलेक्ट्रिक बसें तैनात करने का लक्ष्य है। केंद्र ने 3,600 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद, आपूर्ति, संचालन और रखरखाव के लिए पहला अनुरोध प्रस्ताव (RFP) जारी किया है। केंद्र 10 साल की परिचालन लागत सहायता प्रदान करेगा और इसके लिए आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय 6,400 करोड़ रुपये आवंटित करेगा।
इन राज्यों को मिलेंगी इतनी बसें
PM-ईबस सेवा योजना के तहत महाराष्ट्र को 1,453 इलेक्ट्रिक बसें मिलने की उम्मीद है। इसके बाद, गुजरात (425), बिहार (400), ओडिशा (350), पंजाब (347), जम्मू और कश्मीर और हरियाणा (200 प्रत्येक को), चंडीगढ़ (100), पुडुचेरी (75) और मेघालय (50) हैं। बसों का आवंटन जनसंख्या घनत्व पर आधारित है। इन बसों में कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए पसंद की सीट, आसान बोर्डिंग के लिए पिकटोग्राम्स और व्हीलचेयर स्थान को मानक प्रतीकों का उपयोग करके दर्शाया गया है।