सरकार ने नए मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन के लिए UIDAI से मांगी आधार के इस्तेमाल की मंजूरी
केंद्रीय कानून मंत्रालय ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को पत्र लिखकर नए मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड के इस्तेमाल की अनुमति मांगी है। इसके अलावा मंत्रालय ने UIDAI को पते में बदलाव जैसी कुछ दूसरी सुविधाओं के लिए भी आधार के इस्तेमाल की छूट मांगी है। सरकार का कहना है आधार कानून के तहत वोटर स्लिप से आधार जोड़ा जा सकता है और इसके लिए कानून में बदलाव की जरूरत नहीं होगी।
क्या कहते हैं नियम?
पिछले अगस्त में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किए गए नियमों के तहत सुशासन, पब्लिक फंड में लीकेज रोकने, जीवन सुगमता बढ़ाने और सुविधाओं की बेहतर पहुंच के लिए आधार वेरिफिकेशन की जा सकती है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कानून मंत्रालय ने चुनाव आयोग की तरफ से यह प्रस्ताव भेजा है। इसमें कहा गया है कि आधार वेरिफिकेशन स्वैच्छिक होगा और इसे अनिवार्य नहीं किया जाएगा। ऐसे सभी प्रस्ताव केंद्र सरकार के जरिये ही UIDAI के पास जाते हैं।
प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर क्या होगा?
अगर चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव पर UIDAI और सरकार सहमत हो जाती है तो नए मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार की जरूरत होगी। यानी प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की सूरत में नए मतदाताओं को वोट बनवाते समय अपना आधार कार्ड पेश करना पड़ सकता है। चुनाव आयोग लंबे समय से इस पर विचार कर रहा है। इसे मंजूरी देने के लिए जनप्रतिनिधि और आधार कानून में किसी तरह के बदलाव भी नहीं करने पड़ेंगे।
आधार कार्ड जोड़ने से कम होंगे फर्जी वोट
चुनाव आयोग का तर्क है कि अगर रजिस्ट्रेशन के समय आधार और वोट को जोड़ दिया जाता है तो फर्जी वोटरों की संख्या कम हो जाएगी, जिससे देश का भला होगा। आयोग का यह भी कहना है कि यह कदम भविष्य में मतदान और मतदाता पहचान के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का रास्ता भी खोलेगा। हालांकि, आयोग ने कहा है कि अगर कोई आधार पेश नहीं कर पाता है तो उसे रजिस्ट्रेशन से रोका नहीं जाएगा।
2015 में आयोग ने जोड़ने शुरू किए थे वोट और आधार कार्ड
चुनाव आयोग ने सबसे पहले फरवरी, 2015 में वोटर स्लिप के साथ आधार कार्ड को जोड़ना शुरू किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद यह प्रक्रिया रोक दी गई। अगस्त, 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली, केरोसिन और LPG सिलेंडर के वितरण के लिए आधार की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। तब तक आयोग 38 करोड़ मतदाताओं के वोटर कार्ड आधार कार्ड से जोड़ चुका था।
अभी आधार क्यों मांगा जाता है?
अभी भी वोटर कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड मांगा जाता है। अभी इसका इस्तेमाल केवल पहचान या पते की पुष्टि के लिए होता है। इसके डाटा को वोटर कार्ड के साथ लिंक नहीं किया जाता। आने वाले दिनों में यह बदलाव हो सकता है।
क्या वोट डालने के लिए आधार जरूरी होगा?
हाल ही में लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने बताया था कि सरकार चुनाव सुधार की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह देखने में आया है कि एक व्यक्ति के अलग-अलग जगहों पर कई वोटर कार्ड होते हैं। इसे रोकने के लिए चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट को आधार से लिंक करने का प्रस्ताव दिया है। इस पर विचार चल रहा है। अगर आम सहमति बनती है तो कानून भी लाया जा सकता है।