स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के बाद रामदेव ने वापस लिया एलोपैथी को बेकार बताने वाला बयान
क्या है खबर?
एलोपैथी के खिलाफ टिप्पणी कर चर्चा में आए योगगुरू रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया है।
दरअसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने रामदेव के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिखा था।
रविवार को हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर अपना बयान वापस लेने को कहा था।
इसके जवाब में रामदेव ने कहा कि वो इस विवाद को विराम देते हुए अपना बयान वापस ले रहे हैं।
पृष्ठभूमि
रामदेव ने क्या टिप्पणी की थी?
बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर रामदेव का एक वीडियो चल रहा था, जिसमें वो एलोपैथी के खिलाफ बोलते सुनाई दे रहे थे।
इसमें रामदेव कह रहे है, "एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है कि पहले हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन फेल हुई, फिर रेडेसिवीर फेल हो गई और फिर एंटी बायोटिक्स और स्टेरॉयड फेल हो गए।"
वीडियो में वो आगे कहते हैं, 'लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है। लाखों लोगों की मौत का कारण एलोपैथी है।'
आपत्ति
IMA ने जताया था विरोध
IMA ने इस टिप्पणी के खिलाफ कड़ा विरोध जताते हुए स्वास्थ्य मंत्री को कदम उठाने का अल्टीमेटम दिया था।
IMA ने चेतावनी दी थी कि अगर स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर कोई कदम नहीं उठाता है तो वो इस मामले को कोर्ट तक लेकर जाएंगे।
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर उनके बयान को आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उन्होंने लिखा था कि एलोपैथी दवाओं और डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हैं।
पत्र
रामदेव की टिप्पणी ने कोरोना योद्धाओं का निरादर किया- स्वास्थ्य मंत्री
हर्षवर्धन ने लिखा, 'संपूर्ण देशवासियों के लिए दिन-रात कोरोना के खिलाफ युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य है। आपने अपने व्यक्तव्य से न सिर्फ योद्धाओं का निरादार किया बल्कि देशवासियों की भावनाओं को भी गहरी ठेस पहुंचाई है।'
उन्होंने आगे लिखा कि महामारी के इस दौर में जब एलोपैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों ने करोड़ों लोगों को नया जीवनदान दिया है, तब आपका यह कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीजों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई।
माफीनामा
रामदेव ने वापस लिया बयान
स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के बाद रामदेव ने ट्विटर पर लिखा, माननीय श्री डॉक्टर हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ, उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं।'
रामदेेव ने जवाबी पत्र में कहा कि वो आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और एलोपैथी के विरोधी नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैंने व्हाएट्सऐप मैसेज पढ़कर सुनाया था। उससे किसी की भावनाएं आहत हुई तो मुझे खेद है।"
ट्विटर पोस्ट
रामदेव का जवाबी पत्र
माननीय श्री @drharshvardhan जी आपका पत्र प्राप्त हुआ,
— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 23, 2021
उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं- pic.twitter.com/jEAr59VtEe