विरोध नहीं करने पर मान्य होगा बाल विवाह- पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट
क्या है खबर?
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को बाल विवाह के मामले में बड़ा ही चौंकाने वाला फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने कहा है कि 18 साल से कम उम्र की नाबालिग के साथ किया गया विहाश अमान्य नहीं माना जाएगा, बल्कि वह अमान्य करने योग्य होगा।
यदि कोई भी नाबालिग विवाहित 18 साल की उम्र पूरी होने पर विवाह का विरोध नहीं करता है तो उस विवाह को मान्य करार दिया जाएगा। इस फैसले की खासी चर्चा है।
प्रकरण
दंपत्ति ने लुधियाना कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
इंडिया टुडे के अनुसार, फरवरी 2009 में शादी करने वाले एक दंपत्ति ने लुधियाना हाई कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए उसे खारिज कर दिया कि उनका विवाह वैध नहीं है।
कोर्ट ने कहा था कि साल 2009 में जब उनका विवाह हुआ था तो महिला की उम्र 18 साल से कम थी। ऐसे में दंपत्ति ने लुधियाना कोर्ट के इस फैसले को पंजाब और हरियाणा हाई कार्ट में चुनौती दी थी।
नाराजगी
हाई कोर्ट ने लुधियाना कोर्ट के फैसले पर जताई नाराजगी
हाई कोर्ट की जस्टिस रितु बिहारी और अरुण मोंगा की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए लुधियाना कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट ने दंपत्ति की याचिका को गलत तरीके से खारिज किया है।
कोर्ट ने कहा महिला की उम्र 2010 में 18 वर्ष हो गई थी और इसके बाद भी दंपत्ति सात साल यानी 2017 तक साथ रहे। ऐसे में दोनों ने विवाह को स्वीकार किया था और इसमें तलाक का मामला बनता है।
मान्य
हिंदू विवाह अधिनियम के तहत मान्य होगा विवाह- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि विवाह के समय महिला की उम्र 17 साल छह महीने और आठ दिन थी।
ऐसे में 18 साल की उम्र पूरी होने पर वह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के तहत विवाह को अमान्य घोषित करने के लिए याचिका दायर कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया।
वह 2009 से 2017 तक पति के साथ रही। ऐसे में विवाह मान्य हो गया और अब दंपत्ति ने तलाक के लिए याचिका दायर की है।
हवाला
हाई कोर्ट ने दिया दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का हवाला
मामले में हाई कोर्ट ने 2012 के दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें उसने एक बाल विवाह को मान्य करार दिया था। उस दौरान एक नाबालिग किशोरी अपने प्रेमी के साथ घर से भाग गई थी।
कोर्ट ने कहा था कि कोई भी बाल विवाह अमान्य नहीं होता है, बल्कि अमान्य करने योग्य होता है। नाबालिग के 18 साल की उम्र पूरी होने पर उसका विरोध करने पर ही विवाह को अमान्य करार दिया जाएगा।