कश्मीर पर चीन-पाकिस्तान के साझा बयान को भारत ने किया खारिज, CPEC पर जताई आपत्ति
भारत ने जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान और चीन के संयुक्त बयान को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। पिछले हफ्ते जारी किए गए अपने इस साझा बयान में पाकिस्तान और चीन ने कश्मीर को इतिहास से पैदा हुआ एक विवाद बताया था, जिसका संयुक्त राष्ट्र (UN), UN सुरक्षा परिषद के संकल्पों और द्विपक्षीय समझौते के तहत शांतिपूर्ण समाधान किया जाना चाहिए। भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर भी आपत्ति दर्ज की है।
"जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग"
मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "भारत चीन के विदेश मंत्री के दौरे के बाद चीन और पाकिस्तान के साझा बयान में जम्मू-कश्मीर के जिक्र को खारिज करते हैं। जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है।"
भारत ने चीन-पाकिस्तान को CPEC का कार्य रोकने को कहा
भारत ने अपने बयान में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से गुजर रहे चीन के आर्थिक गलियारे CPEC पर भी आपत्ति दर्ज कराई और दोनों देशों से तुरंत इसका कार्य बंद करने को कहा। रवीश कुमार ने कहा, "भारत PoK की यथास्थिति को बदलने के अन्य देशों की गतिविधियों के सख्त खिलाफ है।" बता दें कि भारत PoK पर पाकिस्तान का गैरकानूनी कब्जा मानता है और इसलिए CPEC पर लगातार विरोध दर्ज कराता रहा है।
कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीकरण की कोशिश में है पाकिस्तान
बता दें कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसे दो हिस्सों में बांटने के भारत सरकार के फैसले के बाद से पाकिस्तान मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने में लगा हुआ है। अपने इन प्रयासों में उसे अभी तक असफलता ही मिली है और अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे बड़े देशों सहित अन्य देशों ने भी मुद्दे पर भारत का समर्थन करते हुए इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है।
चीन ने अब तक दिया है पाकिस्तान का साथ
पाकिस्तान का दोस्त माना जाने वाला चीन उन चंद देशों में शामिल है जो इस मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा है। पाकिस्तान के अनुरोध पर चीन ने ही जम्मू-कश्मीर मामले पर संयुक्त राष्ट्र (UN) की अनाधिकारिक बैठक बुलवाई थी। हालांकि उसका ये प्रयास असफल साबित हुआ और बैठक में भारत को अमेरिका और फ्रांस सहित बाकी देशों का भारी समर्थन प्राप्त हुआ। अब पिछले हफ्ते चीन और पाकिस्तान की ओर से ये साझा बयान जारी किया गया था।
लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर भी आपत्ति दर्ज करा चुका है चीन
इससे पहले चीन अपने एक बयान में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के भारत के फैसले पर भी आपत्ति जता चुका है। भारत और चीन के बीच विवाद का केंद्र अक्साई चिन इलाका लद्धाख क्षेत्र में ही आता है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर हाल ही में चीन के दौरे पर भी गए थे। तब उन्होंने कहा था कि भारत और चीन को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बीच के अंतर विवाद न बनें।