वायु प्रदूषण: 2019 में भारत को 1.4 प्रतिशत GDP का नुकसान, लगभग 17 लाख जानें गईं
क्या है खबर?
पिछले साल 2019 में भारत में वायु प्रदूषण की वजह से लगभग 17 लाख लोगों की मौत हुई और इन मौतों के कारण देश को 1.4 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का नुकसान हुआ।
GDP में सबसे अधिक नुकसान उत्तर प्रदेश और बिहार को उठाना पड़ा, वहीं प्रति व्यक्ति के हिसाब से दिल्ली को सबसे अधिक GDP का नुकसान हुआ।
अंतरराष्ट्रीय पत्रिका लांसेट में प्रकाशित एक स्टडी में ये बात सामने आई है।
स्टडी
2019 में हुई कुल मौतों में से लगभग 18 प्रतिशत वायु प्रदूषण की वजह से
'स्टेट-लेवल डिलीज बर्डन इनिशिएटिव' द्वारा इस प्रकाशित इस स्टडी में बताया गया है कि 2019 में भारत में वायु प्रदूषण के कारण 16.7 लाख लोगों की मौत हुई, जो कुल मौतों का 17.8 प्रतिशत रहीं।
स्टडी के अनुसार, समय से पहले इन मौतों की वजह से हुए काम और आउटपुट के नुकसान के कारण भारत को कुल 36.8 अरब डॉलर (लगभग 2.6 लाख अरब रुपये) का नुकसान हुआ, जो GDP का 1.36 प्रतिशत रहा।
बीमारियों के प्रकार
फेफड़ों की बीमारियों के कारण हुआ सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान
स्टडी में बताया गया है कि GDP को हुए 1.4 प्रतिशत के नुकसान में से सबसे अधिक 36.6 प्रतिशत नुकसान फेफड़ों की बीमारियों के कारण हुआ। इसके अलावा इस्केमिक हृदय रोगों के कारण 24.9 प्रतिशत, स्ट्रोक के कारण 14.1 प्रतिशत, डायबिटीज के कारण 8.4 प्रतिशत, नवजातों में बीमारियों के कारण 13.3 प्रतिशत और मोतियाबिंद के कारण 2.7 प्रतिशत का नुकसान हुआ।
स्टडी के लेखकों ने प्रति कर्मचारी आउटपुट के हिसाब से ये अनुमान लगाए हैं।
राज्यों की स्थिति
इन राज्यों को हुआ सबसे अधिक नुकसान
राज्यों की बात करें तो वायु प्रदूषण के कारण उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक 2.2 प्रतिशत GDP का नुकसान हुआ, वहीं 2 प्रतिशत नुकसान के साथ बिहार दूसरे स्थान पर रहा। उत्तर प्रदेश को 5.13 अरब डॉलर और बिहार को 1.55 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
प्रति व्यक्ति GDP नुकसान के मामले में दिल्ली पहले स्थान पर रही और उसे वायु प्रदूषण के कारण प्रति व्यक्ति 62 डॉलर (लगभग 4,600 रुपये) का नुकसान उठाना पड़ा।
अच्छी खबर
घरेलू वायु प्रदूषण के कारण मौतों में आ रही गिरावट
स्टडी में ये भी बताया गया है कि जहां भारत में बाहरी वायु प्रदूषण के कारण हो रही मौतें बढ़ रही हैं, वहीं घरेलू वायु प्रदूषण के कारण हो रही मौतों में कमी आई है।
स्टडी के अनुसार, 1990 से 2019 के बीच बाहरी वायु प्रदूषण के कारण प्रति एक लाख लोगों पर मृत्यु दर में 115.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, वहीं घरेलू वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों में 64.2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
वायु प्रदूषण के कारण
अधूरा रह सकता है 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का भारत का सपना
स्टडी के निष्कर्ष में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण होेने वाले नुकसान की वजह से भारत 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने सपने से पीछे रह सकता है।
इसमें अमेरिका का उदाहरण देते हुए वायु प्रदूषण को रोकने में निवेश करने के फायदे भी बताए गए हैं। स्टडी के अनुसार, अमेरिका को 1970 के बाद वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में लगाए गए हर डॉलर पर 30 डॉलर का फायदा हुआ है।