कृषि कानून: किसानों के समर्थन में पंजाब पुलिस के DIG ने दिया इस्तीफा
तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में उतरते हुए पंजाब के जेल DIG लखमिंदर सिंह जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जाखड़ ने कहा कि उन्होंने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और उन्हें नहीं लगता कि उनका इस्तीफा स्वीकार होने में कोई बाधा आएगी। बता दें, जाखड़ को मई में घूस लेने के आरोपों में निलंबित किया गया था। हालांकि, दो महीने बाद उन्हें बहाल कर दिया गया था।
पहले किसान हूं, फिर जेल अधिकारी- जाखड़
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जाखड़ ने कहा, "मैं पहले एक किसान हूं और उसके बाद जेल अधिकारी। मैं आज जिस पद पर पहुंचा हूं, वो सब मेरे पिता की बदौलत है, जिन्होंने खेत में काम कर मुझे पढ़ाया-लिखाया। मेरा सब कुछ खेती-किसानी के लिए है।" उन्होंने इस्तीफा पत्र में सरकार से उन्हें जल्द से जल्द सेवामुक्त करने की मांग की है। वो नोटिस पीरियड न देने के लिए तीन महीने का वेतन जमा कराने को तैयार हैं।
चंडीगढ़ मुख्यालय पर तैनात थे जाखड़
पंजाब पुलिस में भर्ती होने से पहले जाखड़ ने 1989-44 तक 14 पंजाब रेजीमेंट में बतौर कैप्टन अपनी सेवाएं दी थीं। इसके बाद वो पंजाब पुलिस में भर्ती हुए और फिलहाल DIG के पद पर कार्यरत थे। इस्तीफे के बारे में जानकारी देते हुए पंजाब के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, जेल, प्रवीण कुमार सिन्हा ने कहा कि जाखड़ ने अपना इस्तीफा प्रमुख सचिव (जेल) को भेजा है। फिलहाल वो चंडीगढ़ मुख्यालय में तैनात थे।
"मां ने किया इस्तीफा देने के लिए प्रोत्साहित"
जाखड़ ने बताया कि उनकी 81 वर्षीय मां खेती करती हैं और गांव में इससे जुड़े सारे काम भी देखती हैं। उन्होंने कहा, "जब मेरी मां ने दिल्ली में चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर मेरी राय पूछी तो मैं उनकी आंखों में आंखें नहीं मिला पाया। मेरी मां ने मुझे इस्तीफा देने के लिए प्रोत्साहित किया है और मैं जल्द ही दिल्ली जा सकता हूं।" गौरतलब है कि कई राज्यों के किसान 26 नवंबर से दिल्ली में डटे हैं।
सरकार और किसानों के बीच नहीं बन रही बात
बीते कई दिनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और सरकार के बीच गतिरोध का समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। सरकार कानूनों में संशोधन की बात कह रही है, लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते, उनका आंदोलन जारी रहेगा। अपनी मांगों के लिए किसान 9 दिसंबर को भारत बंद भी बुला चुके हैं। आज भी किसानों ने अपनी मांगें मनवाने के लिए दिल्ली-जयपुर हाइवे बाधित किया हुआ है।
किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।