खत्म हुआ इंतजार, भारत को मिला अपना पहला राफेल लड़ाकू विमान
क्या है खबर?
भारत का इंतजार आखिर खत्म हुआ और आज फ्रांस ने उसे पहला राफेल लड़ाकू विमान सौंप दिया। पेरिस के बोर्डोक्स स्थित एयरबेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विमान को रिसीव किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि राफेल का मतलब आंधी होता है और उन्हें उम्मीद है कि ये अपने नाम को साबित करेगा।
उन्होंने इसे भारत-फ्रांस के संबंधों में एक नया पड़ाव बताया।
राजनाथ थोड़ी देर बाद राफेल विमान में उड़ान भी भरेंगे।
कार्यक्रम
फ्रांस के राष्ट्रपति और दसॉ एविएशन के CEO रहे समारोह में मौजूद
इस मौके पर हुए समारोह में फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले और राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन के CEO एरिक ट्रैपियर भी मौजूद रहे।
एयरबेस पहुंचने पर ट्रैपियर ने उनका स्वागत किया, जिसके बाद उन्हें विमान सौंपा गया।
राजनाथ ने इस मौके पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति जैकी शिराज को भारत सरकार और भारतीय जनता की ओर से श्रद्धांजलि दी। शिराज का हाल ही में निधन हो गया था।
संबोधन
राजनाथ बोले, हमारा मकसद वायुसेना की क्षमता बढ़ाना
कार्यक्रम में राजनाथ ने कहा, "आज ऐतिहासिक दिन है। आज भारत में दशहरा मनाया जा रहा है जिसे हम बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं। आज वायु सेना दिवस भी है।
भारत फ्रांस के साथ 23 सितंबर 2016 पर अंतर-सरकारी समझौता हुआ था। मुझे यह जानकर खुशी है कि इसकी डिलिवरी सही समय पर हो रही है और ये हमारी वायुसेना की क्षमता में वृद्धि लाएगा। हमारा फोकस हमारी वायुसेना की क्षमता बढ़ाने पर है।"
उड़ान
शस्त्र पूजा के बाद राफेल में उड़ान भरेंगे राजनाथ
इसे फ्रांस और भारत के संबंधों में नया मुकाम बताते हुए राजनाथ ने रक्षा के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर साथ देने के लिए फ्रांस को धन्यवाद कहा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि दुनिया के इन दो बड़े लोकतंत्रों के संबंध अन्य क्षेत्रों में भी आगे बढ़ेंगे।
राफेल रिसीव करने के बाद राजनाथ अब थोड़ी देर में दशहरा पर होने वाली पारंपरिक शस्त्र पूजा करेंगे और उसके बाद राफेल में उड़ान भरेंगे। उन्होंने इसे अपने लिए सम्मान का विषय बताया।
जानकारी
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से भी मिले राजनाथ
इससे पहले दिन में राजनाथ ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। दोनों की बैठक करीब आधे घंटे चली, जिसमें महत्वपूर्ण मसलों पर व्यापक चर्चा हुई। बता दें कि राजनाथ तीन दिवसीय फ्रांस दौरे पर हैं।
राफेल विमान डिलीवरी
अगले साल मई में प्राप्त होगी पहली खेप
भारत और फ्रांस के बीच 58,000 करोड़ रुपये के 36 राफेल लड़ाकू विमानों के अंतर-सरकारी सौदे पर सितंबर 2016 में हस्ताक्षर हुए थे।
भले ही आज फ्रांस ने भारत को पहला राफेल विमान सौंप दिया हो, लेकिन उसे विमानों की पहली खेप अगले साल मई में प्राप्त होगी।
राफेल विमानों को रखने और उनके संचालन के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को तैयार किया जा रहा है और इसलिए पहली खेप हासिल करने में थोड़ी देर होगी।
जानकारी
वायुसेना प्रमुख के नाम पर रखा जाएगा पहले राफेल विमान का नाम
भारत को जो पहले राफेल विमान प्राप्त हुआ है, उसका नाम वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के नाम पर 'RB 001' रखा जाएगा। उन्होंने राफेल सौदे में अहम भूमिका निभाई थी और कीमत से संबंधित बातचीत में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व किया था।
अहमियत
गेम चेंजर साबित होगा राफेल लड़ाकू विमान
राफेल को भारतीय उपमहाद्वीप में गेम चेंजर माना जा रहा है और इसे लेकर भारतीय वायुसेना में काफी उत्साह है।
राफेल का रडार पाकिस्तान के पास मौजूद अमेरिकी F-16 के मुकाबले बेहद मजबूत है और 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट सेट कर सकता है।
इसके साथ ही खतरनाक और आधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल 300 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को मार सकता है। ये F-16 के मुकाबले तीन गुना है।
जानकारी
इन खूबियों से भी लैस है राफेल
राफेल में इसके अलावा लो लैंड जैमर, 10 घंटे तक की डेटा रिकॉर्डिंग और इजरायली हेलमेट वाले डिस्प्ले की सुविधा भी है। राफेल कई खूबियों वाले रडार वॉर्निंग रिसीवर, इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से भी लैस है।